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[3] उस ज़माने में किए मौज-मज़े
खुद जल्दी कर सकता है ? बाकी, यह सारी रीत-रस्म, मेरी नहाने की आदत आज की नहीं है। व्यापारी बन गया फिर भी यह कभी बदला नहीं।
चलते समय धरती हिलती थी अभी मेरा शरीर ऐसा दिखाई देता है लेकिन जब मैं सोलह साल का था न, तब मुहल्ले में जाता, तो आते-जाते वक्त लोगों को घर में भी सुनाई देता था कि यह धरती हिल रही है ! सोलह साल का था फिर भी ज़मीन इतनी हिलती थी। वह तो उम्र की वजह से बिगड़ गया है यह पूरा शरीर।
प्रश्नकर्ता : आप बहुत सीधे चलते हैं और ये सब ऐसे झुककर चलते हैं।
दादाश्री : हाँ, इस तरह चलते हैं। तेज कहाँ चला गया है ? ऐसे कहीं चलना चाहिए क्या? यों इस तरह रौब से चलना चाहिए। कोई दया करे ऐसा क्यों करें हम? किसी को दया दिखानी पड़े कि बेचारे ये बुजुर्ग बूढ़े हो गए हैं अब!
अहंकार की वजह से अंगूठा रखे रखा मुझ में सभी अहंकारी गुण थे ही। एक बार मैंने अहंकार कर दिया था, मेरी क्षमता के अनुसार। उन दिनों तो भारी अहंकार था न !
बचपन में ही मेरे दोस्त मुझसे पूछते थे कि 'तेरे अँगूठे को दियासलाई से जलाऊँ तो तू सहन कर सकेगा?' मैं अँगूठा रखकर कहता था कि 'जला। तुझे ऐसा भाव हुआ है लेकिन उसमें यदि मुझे अभाव हो, तो मैं मूर्ख कहलाऊँगा'। दोस्त को ऐसा भाव हुआ कि तेरा अँगूठा कितना स्थिर रहता है ? तो मुझे भी ऐसा भाव उत्पन्न हुआ, 'जा न, तू कहे उतना! तुझे जितनी दियासलाई जलानी हो उतनी जला, जब तक तू थक न जाए तब तक। दूसरी, तीसरी, चौथी, पाँचवीं दियासलाई, तू कहे उतनी बार'। तब उसने कहा, 'मुझे यह प्रयोग करके देखना है'। उसने एक दियासलाई जलाई।