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मुझे हिंसा का भय, बड़े भाई को... 200 तू 'हाँ' कह, वर्ना अंबालाल से शादी...216 बहुत विषम स्वभाव, तो सब जगह.. 201 भाई की वजह से महारानी जैसा रौब 217 बिच्छुओं को मार देते थे इसलिए बड़े..202 स्त्री चरित्र को पहचानना सीखे भाभी से 218 मुझे नहीं पुसाती हिंसा, बड़े भाई से.. 202 सिंह जैसे भाई को कपट से बना दिया.. 219 भाई का प्रेम बहुत था, लेकिन और... 203 पहचानते थे पैर से सिर तक भाभी को.. 220 हिंसा के मत में अलग लेकिन अहंकार..203 ‘गिर जाऊँगी सुर-सागर में', त्रागा... 221 सिंह घास नहीं खाता कभी भी 204 कला करके भाई को दिखाया भाभी.. 222 वे ऐसे नहीं थे कि कमिशन लें लेकिन..205 दूसरी बार शादी करके मूर्ख बने 223 यदि आप खानदानी हो तो ऐसा शोभा..206 भाई को वश में करने के लिए करती...224 भाई की बुरी आदतों की वजह से पैसों..207 भाई भोले थे इसलिए भाभी को हाथ... 225 बहुत बीती, उसके बाद स्वतंत्र काम..208 मैं हिसाब नहीं दूंगा, मेरी स्वतंत्रता पर..226 बड़े भाई की शराब छुड़वाने के लिए.. 209 भाभी की वजह से घर छोड़कर... 226 मेरा हित इसी में है कि भाई को सुख... 210 घुमा-फिराकर दुःख देती थीं हमें 227 यदि ऐसी लत नहीं होती तो.... 210 वेढमी में ज्यादा घी लेता था और भाभी.. 227 स्पिरिचुअल लेवल पर से उल्टी लाइन..210 खाते समय पर ही भाभी शिकायत... 228 पुण्य के प्रताप से रौब सहित बिस्तर... 211 भाभी के वश में रहने के बजाय भाग.. 229 नहीं गए किसी के लिए स्मशान में... 212 एक भी पैसा साथ में नहीं रखा ऐसी... 229 अंत में शराब छोड़कर किए उपवास 212 माँगना नहीं आया तो झूठ बोलकर... 230 डॉक्टर तो निमित्त थे, मुख्य कारण तो.. 213 ज्ञान के बाद नहीं रहा वह अहंकार 231 'मैं हूँ पूर्व जन्म का योगी' अंतिम... 214 ज़रूरत लायक ही पैसे लिए 231
हेल्प की थी मित्र की, तो वे बहुत.. 232 [8] भाभी
किसी के यहाँ जाने की इच्छा नहीं... 233 [8.1] भाभी के साथ कर्मों का हिसाब ,
साल टिकट का चार्ज बढ़ गया इसलिए... 233
भाभी थीं दूसरी बार के और रुतबे... 216 अक्ल चलाकर निकाला रास्ता
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