Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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आचार्य रत्नप्रभसूरि का जीवन ]
[ओसवाल संवत् ८००-८२४
६-पोतनपुर से बाप्पनाग० माणा ने ७-उज्जैन से भाद्रगौ० रघुवीर ने ८-चित्रकोट से कुंभटगौ० टावा ने ९-चन्द्रावती से करणावट गौ० डावर ने १०-कन्याकुब्ज से प्राग्वट राणा ने ११- मथुरा से श्रेष्ठिगो. जैतल ने १२---उपकेशपुर के राव आल्हणने वि० सं० ४१३ का दुकाल में शत्रुकार दिया १३-चन्द्रावती के प्राग्वट मंत्री नारायण ने सं० ४१२ , , १४-शिवगढ़ के कुलभद्रगौ० शाह क्षेमाने वि० सं०४२० कादु काल , १५-भिन्नमाल के श्रीमल गुंगला ने एक वडा तलाव खुदाया १६-करणावती के श्रीमाल देवाने २२ वर्ष की उमर में दम्पति चोथा व्रत लिया १७-- जिसमें श्रीसंघ को सवासेर का लाढू और पांच पांच सोना मुहर पेरामणी दी १८-खेतड़ी का मंत्री मोहण युद्ध में काम आया । १९-उपकेशपुर का श्रेष्टि झमार युद्ध में काम आया .. २०-नागपुरका प्राग्वट वीर हरदेव २१-जंगालुका वीरहरगो. नानग २२--मेदनीपुरका भूरिगी० प्रहलाद २३-पद्मावतीका श्रेष्टिगौ० २४ - सत्यपुरका श्रेष्टिगौ० २५-वीरपुरका भाद्रगोत्र शादूल २६-हर्षपुरका कनोजिया० चटान २७-मुग्धपुरका डिडुगी. नरसिंह २८- षटकुपका प्राग्वट० जिनदास
इनके अलावा भी आचार्य श्री के शासनमें कई जानने योग्य बात हुई थी पर स्थान के अभाव उन सबको यह उद्धृत कर नहीं सकते हैं
सूरीश्वर जी के शासन में मन्दिरों की प्रतिष्टाएँ १-पटहडी के प्राग्वटवंशी शाह धर्मसीने भ० महावीर म. प्र. २-मुधानगर के उकोशिया०
, कुकाने " " ३-केरलिया के मलगौ० , आल्हणने
, ४-डामरेलनगर के भूरिगौ। ,
"
इंदाने
इदान , पाव ५-शालीपुर के चरड़गौ०
, गोसलने " , " " ६-जाडोली के कुमटगौ० , पारसने
" " " सरिजी के शासन में मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्टाएँ ]
मोकल गोसल
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