Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi

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Page 810
________________ जैन मूर्तियों पर के शिलालेख] [पोसवाल सं० १५२८-१५७४ २०-संवत् १५२१ वर्षे माघ बदि ५ गुरौ उप• भाववाण गोत्रे लघु० पारेख नाथा भार्या माहू पुत्र कडुश्रा भार्या रांणी पुत्र सहदे पात्म श्रे० श्रीनेमिनाथ बिंबं का० द्विवन्दनीकगच्छे प्र० सिद्धसूरिभिः उनाउ । धातु-प्रथम भाग नम्बर १८८ २१-संवत् १५१७ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे श्री श्रीमाल ज्ञातीय लघु सन्तानीय दोसी महिराज भार्या रूपिणी तया स्वभत्रऽऽत्म श्रेयसे श्री शान्तिनाथ बिंबं का० द्विवन्दनीकगच्छे भ० श्री सिद्धसूरिभिः । प्रतिष्ठितं दानकोड़ी ग्राम (पंचतीर्थी) धातु-प्रथम भाग नम्बर २३५ ___ २२-सम्वत् १५१४ माह सुदि ६ बुधे उपकेश ज्ञाती लघु सन्तानीय मं० सामल भार्या लाडी पुत्र कल्हाकेन भार्या कल्हणदे पुत्र धीरा सहितेन आत्म श्रेयसे श्री नेमीनाथ बिंबं का०प्र० श्रीउप० द्विवन्दनीक गच्छे श्री सिद्धसूरिभिः डाभी ग्रामे । __धातु-प्रथक भाग नम्बर ४४३ २३--सम्वत् १५२१ वर्षे पोष सुदी ११ शनै उपकेश ज्ञातीय लघुसन्तानीय मं० भोजा भार्या टीबु पुत्र नागा धर्मसी खीमा भार्या मेली पुत्र रतनासहितेन खेमाकेन पितृ मातृ श्रेयोऽयं श्रीनेमीनाथ बिंबं कारितं श्रीद्विवन्दनीकगच्छे वृद्ध शाखायां प्रतिष्ठितं श्री सिद्धसूरिमिः उनाउ प्रामे। धातु-प्रथम भाग नम्बर ४७६ २४-सम्वत् १५०८ वर्षे वैशाख सुदी ५ शनी प्राग्वट ज्ञा० लघु शाखायां.....'करणा भार्या लीलादे सुत लाडा भार्या भोतमा श्री शान्तिनाथ विवं का०प्र० द्विवन्दनीक पते प्र० श्री देवगुप्तसूरिभिः। ____ धातु-प्रथन भाग नम्बर ६८ २५-संवत १४७६ वर्षे पौष बदी ५ शुक्र पोसवाल ज्ञातौ० श्रेष्ठ भादा भार्या लालु पुत्र विशाल भार्या विल्दणदे सुत चुडा कुटम्ब सहितेन उ० विमलनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्टितं द्विवंदनीकगच्छे देवगुप्तसूरिभि । धातु-प्रथम भाग नम्बर ७६६ २६-संवत् १५३७ वर्षे वैशाख सुदि १० सोमे प्राग्वट ज्ञातौ श्रेष्ठ रवा भार्या रायसि पुत्र श्रादा भार्या कपुरी सुत कूरा सहितेन श्री वासपूज्य बिम्ब का०प्र० द्विवन्दनीकगच्छे भ० श्रीसिद्धसूरिभिः । धातु-प्रथम भाग नम्वर ८४४ . २७-संवत् १५७३ वर्षे वैशाख बदि ५ दिने श्री ओसवंशे साह तुला भार्या टीबु सुत साह धनपाल भार्या टबकू पुत्र साह समरा भार्या श्रीयादे साह परबत भार्या पाल्हणदे साह नरसिंह भार्या सलाई साह परबतेन स्वभ्रातृतान्य श्रेयोऽथं श्री संभवनाथ बिंब का० श्री द्विवन्दनीकगच्छे प्र० श्री देवगुप्तसूरिभिः । धातु-प्र० भाग नंबर १०८५ २८-संवत् १५६ वर्षे शाके १४५५ प्रथम ज्येष्ठ बदि २ रवौ उपकेश श्रेष्ठ सूरा भार्या पुद्गली पुत्र नीसल भार्या पुगी पुत्र देवराज युक्तेन श्री चन्दाप्रभ बिम्बं का. ऊकेशगच्छे श्री सिद्धाचार्य सन्ताने द्विवन्दनीक पक्षे भ० श्री देवगुप्तसूरिभिः प्र० श्रीईडर वास्तव्यं । धातु-प्रथम भाग नबर १११५ ____२६-संवत १३३४ वर्षे ज्येष्ट बदि २ सोमे प्राग्वट शातौ ब्य० वरसिंह सुत व्य० सालिग भार्या साडू सुत देवराजकेन भार्या रलाइ० भ्रातृ वानर अमरसिंह प्रमुख कुटम्बयुक्तेन श्री श्रेयंसनाथ बिंबं का०प्र० द्विवन्दनीकगच्छे श्रीसिद्धसूरिभिः । विसलनगर वास्तव्यं । धातु-प्रथम भाग नंबर १५११ उपकेशगच्छाचार्यों द्वारा मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्ठा .. Jain Eadcanon internation 2 Personal Use Only १५३७ wwa.janelibrary.org

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