Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi

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Page 812
________________ जैन मूर्तियों पर के शिलालेख ] [ओसवाल सं० १५२८-१५७४ wwwm ११-सवत् १५०६ वैशाख बदी ११ शुक्र श्रीकोरंटगच्छे श्रीनन्नाचार्य संताने । उवण्स वंशे । संखवालेचा गोत्रे श्रे० लखमसी भार्या सांसलदे पुत्र रामा भार्या रामदे पुत्र तेजा नाम्ना स्वमाता पित्रौः श्रेयसे श्री वासुपूज्य बिंब का० प्र० श्री सांबदेव सूरिभिः। जैन लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक २०१२ १२-सं० १५१७ वर्षे माह सुदि १० बुधे श्रीकोरंटगच्छे उपकेश ज्ञा० काला पमार शाखायां साह सोना भार्या सहजलदे पुत्र सादाकेन भ्रातृ चउड़ा भादा नेमा सादा पुत्र रणवीर वणवीर सहितेन स्वश्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभ बिंब कारितं श्री ककसूरि पट्टे श्रीपाद ....." जैन लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक १४०४ १३-संवत् १५१८ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ६ बुधे श्रीकोरंटगच्छे । उपकेश मड़ाहड वा० साह श्रवण भार्या राऊ पुत्र साल्हा भार्या सांपू पुत्र जांजण सहितेन स्वमातृपितृ श्रेयोर्थं श्रीचंद्रप्रभ बिंब कारितं । प्रतिष्ठितं श्री सांवदेव सूरिभिः । जैन लेख सं० भाग दूसरा लेखांक १७२६ १४-संवत् १५३२ वर्षे वैशाख सुदि ६ सोमे श्री कोरंटगच्छे श्रीमन्नाचार्य सन्ताने उप० पोमालेचा गोत्रे साह जगनाथ भार्या जासहदे पुत्र साह सारंग भार्या सँसारदे पुत्र साह मेहा नरसि सहितेन श्रेयसे श्री सुमतिनाथ बिबं प्र० श्री सांबदेव सूरिभिः। जैन लेखांक संग्रह भाग दूसरा लेखांक १३८० १५-संवत् १५३३ वर्षे माह सुदि ५ दिने । बारडेचा गोत्रे साह कोड़ा भार्या सोनी पुत्र साह सीहा सहजा सीहा भायो हीरू श्रेयसे श्री कुन्थुनाथ बिंबं कारितं प्र० श्री कोरंटगच्छे श्री नन्नसूरिभिः । ___ जैन लेख संग्रह भाग दूसरा लेखांक १६६८ १६-संवत् १५६७ वर्षे वैसाख सुदि १० उ० सुचिंति गोत्रे साह जेसा भार्या जस्मादे पुत्र मीडा भार्या हर्ष आत्मपुन्यार्थं श्री आदिनाथ बिंबं कारितं । को० श्री नबसूरिभिः प्रतिष्टितं ॥ श्री ॥ जैन लेख सँग्रह भाग दूसरा लेखांक १६४२ १७-संवत् १३८१ वर्षे माघ सुदि ५ श्री कोरंटगच्छे श्रावक कर्मण भार्या वसलादे पुत्र भाचाकेन म्रातृव्य नाग पितृ कर्मणनिमित्तं श्री महाबीर बिंबं कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीवनसूरिभिः । __ जैन लेख संग्रह भाग तीसरा लेखांक २२५१ १८-संवत् १५६५ वर्षे वैशाख सुदि ७ गुरौ उसवाल ज्ञातीय श्रीसुन्धागोत्र साह जगड़ा पुत्र साह होला भार्या हीमादे पुत्र रामा रिणमा पित्रोः पुण्यार्थे श्री अजितनाथ बिबं कारापितं प्र० कोरंटगच्छे भगवान श्री ककसूरिभिः । जैन लेख संग्रह भाग तीसरा लेखांक २४८८ १६-संवत्..."अषाढ़ बदी ८ कोरंटगच्छे जांषदेव भार्या जासू पुत्र चाहड़देव गीदा जगदेव पासदेव पार्श्वनाथ प्रतिमा कारिता प्रतिष्ठिता श्रीककसूरिभिः । जैन लेख संग्रह भाग तीसरा २३७६ २०-संवत् १३४० वर्षे उयसवाल ज्ञातीय साह लाखणा श्रेयोऽर्थं श्रीआदिनाथ बिबं माता चापल श्रेयोऽर्थं श्रीशांतिनाथ बिंब कुमरसिंहेन प्रात्म पुण्यार्थं श्री पार्श्वनाथ भार्या लखमादेवी श्रेयोर्थ श्रीमहाबीर बिंब सुत खेतसिंह पुण्यार्थं श्री नेमीनाथ बिंबं कारितं साह कुमरसिंहेन प्रतिष्ठितं कोरंट कगच्छे श्री नन्नसूरि सन्ताने श्री कक्कसूरि पट्टे श्री सर्वदेवसूरिभिः । जैन लेख संग्रह भाग पहिला लेखांक ११५ २१-संवत १४६२ वर्षे वैशाख वदि ५. श्री कोरंटकीय गच्छे साह ३० शंषवालेचा गोत्रे साह वासमाल भार्या लक्ष्मीदे पुत्र ३ प्रता मिहा सूरांयाभी पितृ श्रेयसे श्री सम्भवनाथ बिंबं कारितं पुताकेन का०प्र० श्रीसावदेव सूरिभिः। जैन लेख संग्रह भाग पहिला लेखांक ७६६ २०-संवत् १५०६ वर्षे वैशाख वदि ११ शुक्रे श्रीकोरंटगच्छे श्री नन्नाचार्य सन्ताने उवएश वंशे डागउपकेशगच्छाचार्यों द्वारा मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्ठा...... १५३६ Jain Education ternak www.aimerorary.org

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