Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
View full book text ________________
"
३१०
Jain Edu६५६cational
Douya
जैती
३७०
जैती
४००
Naamwwwmovwwwwwwwwwwww
भगवान् पार्थनाथ की परम्परा का इतिहास ]
शिवपुरी
५२०
मोरी
५५८
रत्नप्रभसूार , यक्षदेवसूरि , कक्कसूरि , देवगुप्तसूरि
सिद्धसूरि रत्नप्रभसूरि यक्षदेवसूरि ककसूरि देवगुप्तसूरि सिद्धसूरि ककसूरि देवगुपसूरि सिद्धसूरि कक्कसूरि देवगुप्तसूरि सिद्धसूरि ककसूरि देवगुप्तसूरि सिद्धसूरि
ककसूरि , देवगुप्तसूरि , सिद्धसूरि , ककसूरि
देवगुप्तसूरि
For Private & Personal Use Only
| सोपारपट्टण | राणी माता । ददाशाह भद्रगात्र | गुणातलक वीरपुर राहुली गोसल
जयानन्द आभापुरी
धरमण शाह | श्रेष्टिगौत्र धर्मविशाल कोरंटपुर. फूल्ली लुम्बाशाह | श्रीमालवंश. पूर्णनन्द जाबलीपुर
जगाशाह | मोरक्षगौत्र | अशोकचन्द्र शंखपुर फेंफी धन्नशाह तप्तभट्ट | शान्तिसागर करणावती रोहणी सारंग कनोजिया | प्रमोदरन
मैना यशोदित्य चोरलिया जाति सोमप्रभ खटकूम्प
राजसी | करणावट | राजहंस चित्रकोट नाथी ऊमासा विरहट गोत्र | शिखरप्रभ मेदिनीपुर कर्मादेवी करमणशाह | श्रेष्टिगोत्र |विनयसुन्दर भद्रावती मातारामा यशोवीर प्राग्वट वंश । मेरुप्रभ मालपुरा दाड़मदेवी
देदासा बप्पनाग गोत्र | ज्ञानकलस पद्मावती सरजू सलखण | तप्तभट्टगोत्र दयारत्र नारदपुरी विजोली
वीजाशाह
चोरलिया विमलप्रभ उपकेशपुर
अर्जुनशाह | सुंचतिगोत्र | चन्द्रशिखर गोसलपुर
सेणी भीमाशाह | आर्यगोत्र | मूर्ति विशाल | पाल्हिकापुरी
राणाशाह | नाहटा जाति | ध्यानसुन्दर डिडूपुर रोली लिम्बाशाह | श्रेष्टि गोत्र | कल्याण कुम्ब गोसलपुर सोनी जगमाल आय गौत्र | मुक्तिसुन्दर दशपुर कानी सारंगशाह चोरलिया । पद्मप्रभ लोद्रावापुर
फूआशाह सुघड़ गोत्र | सोमसुन्दर अणहीलपट्टन मणि श्रीचन्द जंघड़ा भुवनकलश
डामरेल भोली पद्माशाह गोलेच्छ देवभद्र भिन्नमाल
सुगनी
भैसाशाह गदइया इन्दहंस
२४
re
nani
AAAAAAAAAA
१०११ १०३३ १०७४
११०८ , ११२८ , ११७४
[मुख्य २ घटनाओं का समय
सिद्धसूरि
११०८ ,, ११२८
www.jainelibrary.org
इस ग्रन्थ में भगवान पार्श्वनाथ के ५० पट्टधरों का इतिहास लिखा गया है अतः यहाँ पर ५० पट्टधरों का संक्षिप्त से कोष्टक में वर्णन ·
Loading... Page Navigation 1 ... 839 840 841 842