Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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श्राचार्य सिद्धसूरि का जीवन ]
२६ - थेरापाद्र १७ - पुनारी
5- लाव्यपुरी
२६- शालीपुर
२० - सोपारपट्टन
११-- पद्मपुर २२ - उज्जैन
२३- माण्डवापुर
२४ - चन्द्रावती
२५- टेलिपुर
२६ - शिवपुरी
२७-देबाज
२८ - जावली
४ - भुजपुर
५- नरवर
६-- नागपुर
७ खटकुप
८ - उपकेशपुर
- आमेर
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१० - मथुरा ११ - शौरीपुर
१२ - शालीपुर
१३ - पालीकापुरी
१४- नारदपुरी
१५ - चन्द्रावती
१६ - पहलनपुर
希希希希希希希希
१-खम्भात नगर २
३ - अणहीलवाडा पटण से
श्रीश्रीमाल
नागपुरिया
छाजेड़
भटेवरा
चोरडिया
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प्राग्वट
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से
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श्रीमाल
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जाति के
श्रेष्टि
राखेचा
जांघडा
बाफणा
सुखा
शंका
प्राग्वट
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प्राग्वट
से श्रीमाल
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आचार्यश्री के शासन में संघादि
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शाह
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लुंबाने
दीपा ने
धीरा ने
फूमा ने
जुजार ने
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सादु
ने
पोपा ने
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प्राग्वट
रामा ने
श्रीमाल
देवशी ने
जिनदेव ने
आर्य चोरडिया अर्जुन ने कनोजिया दैपाल ने
जैसिंग ने
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आचार्यश्री के शासन में संघादि शुभ कार्य
श्रीमाल संखला ने
गोकल ने
जोध्दा ने
सहारण ने
भोपाल ने
रावल ने
[ ओसवाल सं० १४३३-१४७४
सुखा ने
रावण ने
हरपाल ने
चांपसी ने
सुगाल ने
बादर ने
गोपाल ने
छाजेड
भुतेडिया
१७- नादपुर १८ - विसनगर १६- माडव्यपुर के कुम्मट लुगा की पत्नी ने एक तालाब खुदाया । २०- नागपुर चोरडिया भोला की पुत्री ने एक बावड़ी बनाई ।
२१ - डीडूपुर के जेतावत जगदेव ने एक कुआ खुदवाया । २२ - कोरेटपुर के श्रीपाल सेवा ने एक तालाब खुदवाया ।
गोवीद ने
मुकन्द ने तोला ने
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श्री शत्रुञ्जय का
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भ०
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मल्लि०
महावीर
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पाश्व०
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सीमं०
श्रादी०
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संघ निकाला
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