Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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वि० सं० १०३३-१०७४]
[ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
साहू ने
१०-लाजोरी ११-राणकपुर १९-जावलीपुर १३-पावगढ़ १४-उपकेशपुर १५-माडबपुर १६-क्षत्रीपुरा १७-विजयपुर १८-विलासपुर १६-शंखपुर २०-कुर्मापुर २१-नागपुर २२-भवानीपुर २३-मोदनीपुर २४-आधाटपुर २५-चित्रकोट २६-दशपुर २७-चन्देरी २८-रायपुर २६-मथुरा
पुनडे ने
लादक ने
सुखा
अग्रवाल जाति के शाह मुंजल ने सूरिजी के पास दीक्षाली ब्राह्मण
___ भाखर ने मात्रीकोर काग
हाप्पा ने श्रेष्टि
पर्वत ने रांका
दुर्गा ने कांकरिया
करण ने चंडालिया
जगमाल ने सुघड़
धन्ना ने डिडू
धोकल ने देसरडा
डूगर ने कुम्मट
राजसी ने सालेचा
गुणाढ़ ने मंडावरा चोरड़िय
मेहराप ने मुरेठा
मोकल ने
भोला ने भट्टेश्वर
वीरा ने प्राग्वट
नोढ़ा ने आचार्यश्री के शासन में मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्टाएं बापणा जाति के शाह रूपणसी ने भ० महा०
तोला ने , खजांची
गौरा ने , पातावत
नागजी ने आये काग
धीरा ने गुलेच्छा
जीवण ने नाहटा
वरधा ने गुरुड
नारायण ने , सुरवा
सुगाल ने
साहरण ने कनोजिया
भैरु ने
शान्ति वर्धमाना
रामाने श्रेष्टि
छाजू ने संचेती
अजड़ ने ,
भाचार्यश्री के शासन में प्रतिष्ठाएँ For Private & Personal Use Only
पोकरणा
साने
"
१-देवपट्टन २-मादलपुर ३-रत्नपुर ४-हर्षपुर ५-अजयगढ़ ६-साकम्भरी ७-पद्मावती ८-ओजास है-इन्द्रोडी १०-आनन्दपुर ११-वीरपुर १२-मालपुर १३-देवीकोट १४-रेणुकोट १५-नरवर
आदि०
कुम्मट
के
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