Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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प्राचार्य कक्कसूरि का जीवन ]
१६ - चन्द्रावती
१७ - शिवपुरी १८ - सोनारी
१९- क्षत्रीपुर
२० -- धोलपुर २१ -- अर्जुनपुरी
२२ -- रत्नपुरा
२३ - भुजपुर २४ -करणावती
२५- मालपुर
२६--- धीरपुर २७ - रेणुकोट २८-मारोट
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१ ---चंदेरी
२ -- बुचाणी
३ - देवपट्टन
४ - पुरणो ५ - कीराट कूंप
६-अरइट
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ब्राह्मण
क्षत्रिय
बलाहा वंश
श्रेष्ठि
२९ --कराटकुंप श्रीमाल
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प्राग्वट
प्राग्वट
प्राग्वट
प्राग्वट
प्राग्वट
श्रीमाल
श्रीमाल
श्रीमाल
श्रीमाल
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के श्रेष्टि
के बप्पनाग
के बाबलिया
के चरद
के मोरख
के सुचंति
के बोहरा
के तप्तभट
७ -- श्रासलपुर
८-उन्न नगर
९- कालेजड़ा
१० - डोकर
११ - सुसाटी
१२ - गोलुगाव
के गुदिया
१३ - जाबलीपुर के चौधरी
१४
टाकांणी
के भूरि
१५ - ढेढियाप्राम
के भाद्र
१६ - दान्तिपुर
१७ - वायर
के वलाह
के प्राग्वट
के कुम्मट
के कामदार
के लघुष्ट
सूरीश्वरजी के शासन में प्रतिष्ठाए
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गौत्रीय रामा ने
देवलने
हीराने
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" खुमाण
अजने
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श्राचार्य श्री के २० वर्षों के शासन में मन्दिरों की प्रतिष्ठाएं
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गोमा ने
गणपत ने
हंसा ने
संगरण ने
रावण ने
यशोदित्य ने
धोकलाने
पेथा ने
रोड़ा
सादाने
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" दादाने
चाडा ने
सदासुख ने जैता ने
रामा ने
काला ने
वरदा ने
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गोसलने
श्रासलने
" मुरारने
भाखरने
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जैसींगने
दुर्गा
कालाने
पर्वत
[ ओसवाल सं० १०६०-१०८०
दीक्षाली
भीमाने
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भ० महावीर मन्दिर की प्र०
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" महावीर
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पार्श्वनाथ
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आदिनाथ
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अजिनाथ
नेमिनाथ
शान्तिनाथ
पार्श्वनाथ
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