Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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वि. सं. ८३७-८९२]
[ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
आचार्य देव के ५५ वर्षों के शासन में मन्दिर मूर्तियों की प्रतिष्ठाएँ १-पीलाडी के सुघड़ जाति के शाह गोमा ने भ० पार्श्वनाथ का मन्दिर करवाया २-नागोली के श्रेष्ठि ,
रामा ने भ० पाश्वनाथ का , ३-देवजग्राम के मल्ल ,
शोभा ने भ० महावीर .. ४-नागपुर के कुम्मट
शादल ने
" ५-पद्मावती के प्राग्वट ।
संगण ने , ६-माण्डवपुर के ,
भीमा ने भ० शान्तिनाथ ७-उंसाणी ग्राम के ,
भोमा ने , ८-राजलपुर के श्रीमाल
चोखाने भ० पद्मप्रभु -सोहागाटी के सुचंति
चतरा ने भ० अजितनाथ १०-थानपुर के गुलेचा
छाजू ने भ० पार्श्वनाथ ११-जावलीपुर के दाखा
छहाड़ ने , १२-ब्रह्मपुरी के मोसाला
नोढ़ा ने १३-शिवपुरी के लघुष्टि
गुणाढ़ ने भ० महावीर १४-हालण ग्राम के देसरड़ा
पुरा ने १५-मुरक्की ग्राम के श्रीमाल
नोंधण ने , १६-आनन्दपुर के ,,
नागड़ ने १७-डामरेलपुर के ,
देपल्ल ने वीसविहरमान १८-नरवार के पल्लीवाल
धरमण ने अष्ठपद १६-रणथंभोर के पोकरणा
जेहल ने भ० महावीर २०-क्षत्रीपुर के रावल
देशल ने २१-बीजोड़ीग्राम के अग्रवाल ,
मेंकरण ने भ० शान्तिनाथ २२-आधाट नगर के कुलहट ,
नांनग ने भ० नेमिनाथ २३-रत्नपुरा के कोपरा ,
गोसल ने भ० आदीश्वर ४-पल्हिकापुरी के नाहटा ,
अजड़ ने भ० धर्मनाथ २५-भृगुपुर के भुतेड़ा ,
आखा ने भ० मल्लिनाथ २६-सोपार पट्टन के वलहारांका ,,
राखेचा ने भ० शान्तिनाथ २७-पद्मपुर के करणावट ,,
मोकल ने भ० महावीर २८-रूणावती के चिंचट ,
सांगा ने , २६-कुन्तीनगरी के भुंरट ,
चांपा ने , ३०-हर्षपुर के तोडियाणी ,,
पेथा ने भ० पार्श्वनाथ ३१-बेनातट के भटेवरा , , संकला ने
आचार्यश्री के ५५ वर्षों के शासन में संघादि शुभ कार्य १-चन्द्रावती से प्राग्वट लाखा ने श्रीशत्रुञ्जय तीर्थ का संघ निकाला २-उपकेशपुर से श्रेष्टिवर्य हाप्पा ने
३-नागपुर से चोरडिया जैसिंग ने १३२८
सूरीश्वरजी के शासन में प्रतिष्ठाएँ Jain Education International
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