Book Title: Bhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Author(s): Gyansundarvijay
Publisher: Ratnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
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आचार्य देवगुप्तसूरि का जीवन ]
१२ - हर्षपुरा १३ – गोदाणी
१४ - पाटली
१५ - वैराटपुर १६ - पालिका
१७ - चर्प
१८- राजपुर
१९ - वीरमी
२० – गुदिया
२१ -लौद्रवापुर २२ - इथीयाणा
२३ - देवपट्टण
२४ ---त्रासासर
२५- चारोट
२६ - सोपार
२७ - संथुणा
२८ - मोहली
२९- खेड़कपुर
३०
३१ - नागांणी
३२- टीबाणी
३३- करोली
३४ - मंत्रोरा
३५ - सोजाली
करणावाती
३- अचलपुर ४- उच्चाडी
५- उन्नतनगर
६ - उच्चकोट ७ कांटोली
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" कुम्मट
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श्रीमाल
सुचंति
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ब्राह्मण
चिंचट
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कन्नोजिया
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" कुलहट
" लघुश्रेष्ट
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" आदित्य ०
आचार्य श्री के ५४ वर्षों
देसरडा
पोकरणा
१- श्रासलपुर के मंत्री
२ -- ईठरिया
प्राग्वट
गोलेचा
वप्पनाग
श्रर्थ्य
विरहट
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" भाद्र गो
चिंचट
श्रेष्टि
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प्राग्वट
श्रीमाल
तप्त भट्ट
भूरि
मोरख
सूरीश्वरजी के शासन में प्रतिष्ठाए
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गोत्रीय
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का
[ ओसवाल सं० १९२४-११७८
दीक्षाली
छाजू ने
जेता
मुना
रेखाने
मुजल ने
चाहाड ने
खेमा ने
सजन ने
हरपाल ने
नागदेव ने
ईसर ने
रासा ने
पुनड़ ने
पदमा ने
सांगण ने
लोकमण ने
तेजाने
डावर ने
हरजी ने
सारंग ने
भाणा ने
सोमा ने
नरवद ने
कक्क ने
श्रजड़ ने अज्ज ने
बोरीदास ने पार्श्वनाथ की म० प्र० जेइलने
दाने
लाडने
भावोने
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महावीर
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पाश्वनाथ
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शासन में मन्दिरों की प्रतिष्ठाएं
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