________________
उपयोग हुआ, वह गलत है। बावा बार-बार बदलता ही रहता है, नाम वही का वही रहता है। बावा विशेषण वाला है। मैं क्लर्क, मैं कलेक्टर, मैं कमिश्नर जो इस तरह बदलता रहता है, वह बावा है। पिछले डिस्चार्ज और नए चार्ज, इस प्रकार चार्ज-डिस्चार्ज करता है, वह बावा है।
दादाश्री खुद का परिचय देते हुए कहते हैं कि 'यह शरीर अंबालाल है। इसमें बावा कौन है ? ये जो ज्ञानी हैं, वे। और मैं कौन? आत्मा। अतः ये ज्ञानी बावा ही कहलाएँगे न! और फिर हैं तो तीनों एक ही'। मैं आत्मा, डिज़ाइन वह मंगलदास है और उसके कामकाज, वह बावा! जो कर्तापना के भाव से काम करता है, वह बावा है।
जो संसार की खटपट करता है, वह बावा है। जो मोक्ष की खटपट करता है, वह भी बावा है। यह बावा ही सभी खेल करवाता है।
जैसा चिंतवन करता है, बावा वैसा ही बन जाता है। 'मुझे रोमान्स ही करना है' तो बावा वैसा बन जाता है। 'मुझे ब्रह्मचर्य का पालन ही करना है' तो बावा ब्रह्मचारी बन जाता है यदि ऐसा चिंतवन करे कि 'मुझे मोक्ष में ही जाना हैं' तो वैसा बन जाता है। तय करने की ज़रूरत है। 'मैं शुद्धात्मा हूँ', बावा ऐसा चिंतवन करे तो बावा शुद्धात्मा बन जाता है।
मंगलदास मंगली के साथ शादी करता है और संसार बढ़ता है।
'मैं स्त्री हूँ' वह बावा है, 'मैं पुरुष हूँ' वह भी बावा है। बूढ़ा, बच्चा, सभी बावा हैं। पति-पत्नी रात को झगड़ते हैं और मन में तय करते हैं कि 'इसे सीधा करके ही छोड़ेंगा'। वह भी बावा है! बावा क्या-क्या करता है?
जो कषायी है, वह भी बावा है और जो संयमी है, वह भी बावा है। जिसके विशेषण बदलते रहते हैं, वह बावा है और नाम हमेशा के लिए रहता है, वह है मंगलदास।
___ मन दो प्रकार के हैं, एक भावमन और दूसरा द्रव्यमन। द्रव्यमन अर्थात् जो विचार आते हैं, उन्हें बावा देख सकता है अतः वह मन बावा का नहीं है परंतु मंगलदास का है और भावमन जो कि सूक्ष्म है, उसे बावा देख नहीं सकता, वह बावा का मन है। जो भाव है, वही बावा है।
64