Book Title: Aptvani 13 Uttararddh
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Dada Bhagwan Aradhana Trust

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Page 540
________________ मूल गुजराती शब्दों के समानार्थी शब्द पुद्गल : जो पूरण और गलन होता है निकाल : निपटारा लक्ष : जागृति पूरण-गलन : चार्ज होना, भरना-डिस्चार्ज होना, खाली होना ऊपरी ': बॉस, वरिष्ठ मालिक राजीपा : गुरुजनों की कृपा और प्रसन्नता बरु : जंगली पौधे की नुकीली डंडी ठपका : उलाहना, डपटना संवर : कर्म का चार्ज होना बंद हो जाना लागणियाँ : लगाव, भावुकता वाला प्रेम अजंपा : बेचैनी, अशांति, घबराहट कढ़ापा-अजंपा : अशांति, कुढ़न, क्लेश, आक्रोश ओलंबा : भूलंब, साहुल हूँफ : सहारा, सलामती, सुरक्षा, रक्षण उपाधि : बाहर से आनेवाला दुःख पोतापणां (आपो) : मैं हूँ और मेरा है ऐसा आरोपण, मेरापन निर्जरा : आत्म प्रदेश में से कर्मों का अलग होना अशाता : दुःख-परिणाम भोगवटे : सुख या दुःख का असर, भुगतना

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