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अल्पबहुत्व
१५४
३. प्रकीर्णक प्ररूपणाएं
मार्ग
अल्पबहुख
पृष्ठ
मार्गणा
संकेत ।
अपमहत्व
नरक सामान्य | नरक गतिवत
कृ
अव.
|स्तोक सं. गुणे
नो.कृ.
स्तोक
स्तोक विशेषाधिक स.गुणे स्तोक सं. गुणे
अब, | नो. कृ
| नो.कृ. (स्तोक अव. विशेषाधिक नो. कृ. सं. गुणे
विशेषाधिक असं, गुणे
६ ठी
"
९. प्रत्येक बुद्ध व बोधित बुद्धकी अपेक्षा
३१८९७-१ पृथिवी प्रत्येक बुद्ध
स्तोक
J, देवमति सामान्य व विशेष बोधित बुद्ध |सं.गुणे
तिर्यश्च गति सा, विशेष १०. ज्ञानकी अपेक्षा
३१६ मनुष्य गति सा, ,
| सिद्धों में विशेषताप्रत्युत्पन्न नयापेक्षा
| केवल ज्ञानस ही होनस अप-३१८ सिद्ध सामान्य
बहुत्व नहीं अनन्तर ज्ञानापेक्षादो ज्ञान सिद्ध
मनुष्य प. से प्राप्त सिद्ध चतुःज्ञान सिद्ध
सं. गुणे त्रिज्ञान सिद्ध विशेषापेक्षया
मनुष्यणी प. से प्राप्त सिद्ध मति श्रुत मनःपर्यय
स्तोक मति श्रुत से
सं. गुणे मति श्रुत अवधि मन पर्यय ज्ञानसे
(२) परस्थान की अपेक्षामति श्रुत अवधिसे
३१६७ वीं पृथिवी ११. अवगाहनाकी अपेक्षा जघन्य अवगाहनासे
स्तोक
154-१ ली पृथिवी तक सबमें पृथक् उत्कृष्ट
सं गुणे
।। पृथक् अपने उपरकी अपेक्षा यवमध्य . .
| ७ वीं पृथिवी अधस्तन यवमध्य उपरि यवमध्य | विशेषाधिक
५वीं . १२. युगपत् प्रास सिद्धोंकी संख्याकी अपेक्षा
| ४ थी , [१०८ सिद्ध | स्तोक
३२० ३ री , १०५-५० तक के
अनन्त गुणे ४४-२५ ॥
असं, गुणे
|-१ ली , २४-१ . सं. गुणे
(३) स्व परस्थान की अपेक्षामनुष्य पर्याय से-(घध/पृ.३१८)
३२० मनुष्यणी १-१ की संख्यासे होनेवाले |स्तोक २-२ की संख्यासे होनेवाले विशेषाधिक २ से अधिक संख्यासे होनेवाले सं. गुणे
मनुष्य मनुष्यणी पर्याय से-(१६/पृ. ३१८) २ से अधिक संख्यासे होनेवाले स्तिोक
तिर्यच योनिमति २-२ की संख्यासे सं. गुणे
नारकी २.१-१, २-२ आदि करके संचय होने वाले जीवोंकी अल्पबहुत्व प्ररूपणा
देवियाँ (ध.६/४,१,६६/३१८-३२१) संकेत-नो. कृ. (नोकृति संचित)-१-१ करके संचित होने वाले,
मनुष्य अव (अबक्तव्य संचित) -२-२ करके संचित होने वाले,
नारकी कृ (कृति संचित) -३ आदि करके संचित होने वाले,
तिर्यच योनिमति मार्गणा संकेत अल्पबहुत्व
देवियाँ
तिर्सच सामान्य १.गति मार्गणा
(१) स्वस्थान की अपेक्षा३१० नरक गति सामान्य
नो. कृ, स्तोक
विशेषाधिक ज.प्र./असं.गुणे। ।
|स्तोक सं.गुणी
अव. नो. कृ.
असं, गुणी विशेषाधिक
असे, गुणा
अब. नो. कृ. अव. नो. कृ. अव. नो.कृ. अब. मो.कृ.
विशेषाधिक असं गुणी विशेषाधिक असं.गुणी विशेषाधिक अस. गुणी विशेषाधिक असं गुणी
BE
:
देव
:
कृ.
सिद्ध
। अनन्त गुणी विशेषाधिक असं.गुणी अनन्त गुणी स. गुणी ।
अव.
नो.कृ.
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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