Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 1
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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इतिहास
३३२
८. आचार्य समयानुक्रमणिका
नाम
३५१
FEE* * *REEEEEEEEEEEE * | कमाल
कबगर काव्य ४०४ १२६०
३६६ ३६७
८१३॥
३६
कर्म प्रकृति
श्रुतमुनि
गुरु या
। समय ई सन्
प्रधान कृति
समय नाम
गुरु या विशेषता
प्रधान कृति
विशेषता ३४८ ११५० सोमनाथ वैद्यक विद्वान् । कल्याण कारक ३६३, मध्य पाद रामचन्द्रमुमुक्षु । केशवनन्दि | पुण्याववकथा ३४६ १९५० केशवराज कन्नड कवि शब्दमणिदर्पण १२३०-१२५८ शुभचन्द्र ६ गण्डविमुक्त देव ३५० ११५०-११६६ । उदयचन्द्र अपभ्रश कवि सुअंधदहमी कहा ३६५ १२३५ कमलभव कन्नड कवि शान्तीश्वर पु
बालचन्द्र उदय चन्द्र /णिद्दुक्ख सत्तमी ३९६ १२४५-१२७० देवेन्द्रसूरि (श्वे.) जगच्चन्द्रसूर / कर्मस्तय
श्रीधर ६ | अपभ्रश कवि सुकुमाल चरिउ ३१७ १२४६-१२७६ / अभयचन्द्र २ श्रुतमुनिके गुरु गो सा /नन्द३५३, उत्तरार्ध विनयचन्द कल्याणक रास
प्रबोधिनी टीका ३५४ ११५५-११६३ / देवकीर्ति ४ गण्डविमुक्तदेव
IBE८१२५०१२६० । अजितसेन
श्रृङ्गार मञ्जरी ३५५ ११५८-११८२ गण्डविमुक्त देव२
B85उत्तरार्द्ध विजय वर्णी विजयकीति । श्रगारर्णव अक्लक २
२०० ई. श १३ धरसेन मुनिसेन वित्रलोचन भानुकीर्ति
१०१/ उत्तरार्ध
अहंदास पं आशाधर पुरुदेव चम्पू रामचन्द्र विद्य
१०२/ १२५३-१३२८ | प्रभाचन्द्र रत्नको ति के गुरु ३५६ ११६१-११९१ हस्तिमल मनसंघी विक्रान्त कौरव १२५६
प्रभाचन्द्र श्रुतमुनिके गुरु | शुभचन्द्र देवेन्द्रकोति
माधनन्दि ५ । कुमुदचन्द्र । शाखसार समु. ३६१ ११७० ओडय्य कन्नड कवि
कुमुदेन्दु वनड कवि । रामायण ३६२ ११७०-११२५ जत्र यशोधर चरित्र ४०५१२७५
मल्लिषेण (श्वे)
स्याद्वादमंजरी ११७३-१२४३ प.आशाधर पं. महावीर अनगारधर्मामत०६ १२६२
४०७ १२६६
जिनचन्द्र ५ भास्कर के गुरु तत्वार्थ सूत्रवत्ति ३६४ १९८५.१२४३ ११०२ प्रभाचन्द्र ६ बालचंद भद्रारक क्रियाकलाप
भास्करनन्दि जिनचन्द्र ५ ध्यानस्तत्र ११८७-१९६० अमरकीर्ति गणी चन्द्रकीर्ति मिणाहचरिउ १२६६
धर्मभूषण १ ०६ १२६८-१३२३ ।
शुभकाति ११८६ अग्गल कन्नड कवि । चन्द्रप्रभु पुराण ४१० अन्तिम पाद इन्द्र नन्दि
नन्दि सहिता १९६३ माघनन्दि४
नरसेन अपभ्रश कवि सिद्धचक्क कहा ११६३-१२६०
२११/ माघनन्दि४ कुमुदचद्र के गुरु शाखसार समुच्चय।
१२] नागदेव
| मदन पराजय (योगीन्द्र)
लक्ष्मण देव | अपभ्र श कविणेमिणाह चरिउ अतिम पाद नेमिचद सैद्धा.४
बाग्भट्ट द्वि.
छन्दानुशासन ३७० . आच्चण कन्नड़ कवि वर्द्धमान पुराण ११
अभयचन्द्र स । परमागमसार प्रभाचन्द्र ७
सिद्रातसार टीका ११ लक्षण । अपभ्रश कवि अणुवयरयण पईव ४१६] ई श १३-१४ । वामदेव पडित विनयचन्ट
पार्श्वदेव । यशदेवाचार्य | सगीतसमयसार १५ ईसवी शदाब्दी १४ - ३७४ १२०० देवेन्द्र मुनि आयुर्वेदि विद्वान् बालग्रह चिकित्सा
पद्मनन्दि लघु ३७५ १२००
। यत्याचार बन्धु वर्मा कन्नड कवि हरिवंश पुराण ४१७ १३०५
वालचन्द्र से. अभयचन्द्र द्रव्यस ग्रह टीका ३७६ १२०० शुभचन्द्र५ ।
हरिदेव अपभ्रंश कवि मयणपराजय ३७७ ई.श.१२-१३ । रविचन्द्र .
आराधनासार ४१६ पूर्वाध
४२० १३२८-१३६३ पद्मनन्दि६ प्रभाचन्द्र समुच्चय
भावनापद्वति
श्रीधर ७ ३७८ । वामन मुनि
४२१ मध्यपाद तमिल कवि । मेमन्दर पुराण
श्रुतावतार ४२२ जयतिलक सूरि
चार कर्म ग्रन्थ १४. ईसवी शताब्दी १३ -
४२३ १३४८-१३७३
धर्मभूषण २ | अमरकीर्ति ३७६ पूर्वपाद गुणभद्र२ । नेमिसेन धन्यकुमार चरित ४२४१३५०-१३६० मुनिभद्र
| बर्द्धमान भट्टा.
वरागचरितकाव्य ३८०
पाब पण्डित कन्नड कवि पार्श्वनाथ पुराण ४२५ उत्तरार्ध १२०५ ३८१) १२१३ माधवचन्द्र क्षपणसार ४२६ १३५८-१४१८
| धर्मभूषण ३
( वर्द्धमान मुनि विद्य
४२११ १३५६
केशव वर्णी | अभयचंद्र सै गो.सा कर्णाटक
श्रुतकीति ३८२
अपभ्रश कवि जिणयत्तकहा १२८ १३८४ १२१३-१२५६
प्रभाचन्द्र गुणवर्ण ३८३, १२२५ कन्नड कवि पुष्पदन्त पुराण
मधुर ४२६) १३८५
कन्नड कवि धर्मनाथ पुराण ३८४
विनोदी लाल भाषा कवि जगच्चन्द्र सूरि | देलवाडा मन्दिर १२२८
४३० १३६०-१३१२
भक्तामर क्था (श्वे) के निर्माता
४३१, १३६३-१४४२
देवेन्द्र कीर्ति भ.
जिनदास १ । सक्लकीति ३८१० १२३०
अपभ्रंश कवि णेमिणाह चरिउ ३३२ १३६३-१४६८
जम्बूस्वामीचरित दामोदर ३८६ मध्य पाद
| धनपाल २ स्याद्वाद् भूषण ४३३१३६७ अभयचन्द्र १
अपभ्रंश कवि बाहुबलि चरिउ विनयचन्द्र अपभ्रंश कवि उबएसमाला ४३४ १३६६ रत्नकीर्ति २ | रामसन
अपभ्रश कवि अणथिमियाहा यश कीर्ति३
जगत्सुन्दरी ४३५ अन्तिम पाद ३८६ ललितकीर्ति
अनृपेहारास
जल्हिमले १२३४
यशःकीर्ति ३ ३६० यश कीर्ति
. देवनन्दि ललितकीर्ति धर्मशभ्युिदय ४३७
रोहिणी विहाण १२३६ ३६१ मध्य पाद
रविवय कहा नेमिचन्द्र | कन्नड कवि अधनेमि पुराण-४३८ ई.श १४-१५ | नेमिचन्द्र
| भावसेन विद्य ३१२ } प्रमाप्रमेय
महेसरचरिउ ४३६ १४००-१४७६ | रइधु
नरपिगल
४१८ १३११ ।।
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३८७
नमेन्द्र सिद्धान्त कोश
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