Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 1
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 361
________________ इतिहास १०. आगम समयानुक्रमणिका विषय भाषा | शुभकीति रिड १४३६ समय ___ ग्रन्थ अन्य ई. सन् । रचयिता । समय । रचयिता । प्रन्ध ई० सन्। रचयिता | विषय ४५६ वर्द्धमान चरित्र यथा नाम ४६ तत्त्वार्थ वृत्ति तत्त्वार्थतत्र टीका। १६ षट् प्राभृत टीका कुन्दकुन्दके प्राभृतो, ४५७ श्रीपाल , की टीका ४५८ यशोधरा "४६७ तत्त्वत्रय ज्ञानार्ण व कथित ४५६ धन्यकुमार, प्रकाशिका गद्य भागको टीका ४६० सुकुमाल , " यश स्तिलक यशस्तिलक ४६१ सुदर्शन ., | चन्दिका चम्पूको टीका ४६२ बस क्थाकोष ४६६) यशोधर चरित्र यथानाम ४६३. मूलाचार प्रदीप । १४२४ यत्याचार श्रीपाल चरित्र ४६४ सिद्धान्तसार श्रुतस्कन्ध पूजा दीपक । योगसारअन्तपाद श्रुतकीति | श्रावकमुनि आचार अप. । मध्यपाद सिहसूरि प्राचीन कतिका ४६५ लोक विभाग १०३ धम्म परिक्खा वैदिकोका उपहास (श्वे) यथानाम ०४/परमेष्ठी प्रकाश सं.रूपान्तर ४६६ पासणाह चरिउ १४२२ कवि असवाल यथानाम । सार ४६७ धर्मदत्त चरित्र १४२६ दयासागर सं५०५. हरिवश पुराण । ०६भुजबलि चरितम् " दोडुय्य गोमटेश मूर्तिका | सं. ४६८ हरिवश पुराण | १४२६-४० | यश कीति इतिहास ४६६ जिणरत्ति कहा महनन्दि । अध्यात्म रात्रिभुक्ति 11.५०७ पाहुड दोहा १०८ पुराणसार १४६८-१५१८ श्रीचन्द । ४७० रविवय कहा यथानाम यथानाम ४७१ तत्त्वार्थ रत्न | १४३२ प्रभाचन्द्र ८ तत्त्वार्थ सूत्र - वैराग्य माला! प्रभाकर टोका १६. ईसवी शताब्दी १६ - ४७२ संतिणाह चरिउ १४३७ यथाना अप'५०६ सभ्यवस्व कौमुदी १५०८ जोधराज । तत्त्वार्थ ४७३ पासगाह चरिउ मंगरस कन्नड ४७४) सकोसल चरिउ " ५१ जीवतन्य १५१५ नेमिचन्द्र ५ गो० सा० टीका। ४७५ सम्मत्तगुण विहाण, १४४२ लोकप्रिय । प्रदीपिका कव्व आख्यान ५१२ भद्रबाहु चरित्र १५१५ रत्नकीति | यथानाम सदर्शन चरित्र १४४२-८२ विद्यानन्दि ३ यथानाम स.१५१३ अंग पण्णत्ति | १५१६-१६ शुभ चन्द्र । भट्टारक । (१५१ शब्द चिन्तामणि भट्टारक स शब्दकोष ४७७/ संभव चरिउ १४४३ कवि तेजपाल यथानाम अप ५१५ स्याद्वावदन न्याय ४७८ आत्म सम्बोधन १४४३-१५०५ ज्ञानभूषण अधयान्म विदारण ४७६/ अजित पुराण | १४४८ कवि विजय यथानाम अप ५१६सम्यक्त्व कौमुदी तत्त्वार्थ ४८० जिनचतुर्विशति/१४५०-१५१४ जिनचद्रभट्टा स्तोत्र सं११९ तत्व निर्णय सिद्धान्तसार । जीवकाण्ड ५१८ अध्यात्मपद टी अध्यात्म ४८२ सिरिपाल चरिउ,१४५०-१५१४ ब्रह्म दामोदर यथानाम परमाध्यात्म वरंग चरिउ १४५० कवि तेजपाल तर गिनी १८४नागकुमार चरिउ १४५४ धर्मधर ५२० सुभाषितार्णव ४८, पासपुराण १४५८ कवि तेजपाल यथानाम चन्द्रप्रभ चरित्र यथानाम ४८ यशाधर चरित्र १४६१ सोमकीर्ति सं.५२२ पाईनाथ काव्य ४८७ सप्तव्यसनकथा १४६१-१४८३ जिका प्रथम चारुदत्त चरित्र १५७ "२३ महावीर पुराण ४८६ प्रद्युम्न चारित्र ..k२४ पद्यनाभ चरित्र १० तत्त्वज्ञान १४७१ ज्ञानभूषण अध्यात्म ५२५ चन्दना चरित्र तर गिनी ५२५ चन्दन कथा चन्दना चरित्र ४१ आत्म सम्बोधन १४४३-१५०५ ५२७ अमर सेन चरिउ १५१६ माणिक्यराज मुनि अमरसेनका आराधना १४६६ जीवन वृत अज्ञात पंचसंग्रह प्रा की प्रा. २८ नागकुमार चरिउ १५२२ | यथानाम प्राकृत टोका | ४६२/ पाण्डव पुराण १४७८-१५५६ यश कीति यथानाम अप] कथाकोष ४६३|धर्म सग्रहश्रावका. १४८४ मेधावी श्रावकाचार स५३०/धर्मोपदेश पीयूष १५१८-२८ । श्रावकाचार ४६४ औदार्य चिन्ता १४८७-१४६६ श्रुतसागर प्राकृत व्याकरण | प्रा३रात्रि भोजनत्याग यथानाम मणि व्रतकथा | ४५ १८३१ १५१८ नेमिदत्त -५२६ आराधना जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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