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६. उदय सत्व आधार--बन्ध आधेयकी स्थान प्ररूपणा (गो.क. ६८५-६९१/८६८-८७२) उदय ।
सत्त्व आधार आधारसत्व- सत्व५ सत्त्व६-७,
उदय
1
अन्ध आधेय
सत्व
क्रम गुण स्थान
स्थान
कुल स्थान
स्थान विशेष कुल स्थान
स्थान
स्थान
कुल स्थान।
स्थान विशेष कुल स्थान।
कुल स्थान
स्थान विशेष
४. मोहनीय कर्मस्थानोंकी त्रिसंयोगी ओघप्ररूपणा (प सं./प्रा. १/४०-५१), (पं.सं सं.५५०-६०), (गो.क. ६५२-६५६/८४४-८४८) बन्ध
सत्त्व स्थान उदय स्थान स्थान
सत्त्व ४ सत्त्व २ | सत्त्व सत्त्व ७, सत्त्व ८
विशेष
कुल
विशष
|
३ २६,२७,
| २८
स्थान
६/१/२०
(१७,२१,२२ (१३,१७,२१,२२
कुल स्थान
स्थान विशेष कुल स्थान
स्थान विशेष
कुल स्थान
विशेष
कुल स्थान विशेष कुल स्थान
कुल स्थान
विशेष
विशेष कुल स्थान
११६२ २६,२७
१, २२/४।७,८,६१०१ ३२६,२७,
३।७,६,
६
१
२२,२३
२॥
६,७,८,६
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२२८.
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जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
६,१३,१७,२१,२२
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४०३८.बन्ध उदय सत्त्वकी त्रिसंयोगी स्थान प्ररूपणा
३.११.१२
२ १२,१३ १४ ।
४१,२,३,४
१] २१
२.११
| E/vi १२ २४/१/vi-ix |१ १ |२ २५६/ ११ २६ /vi.vil|१|१ २७/६/vii-vin | १ २०E/viii-ix|१| २९18/- १
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