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ऋद्धि
४ घोर ब्रह्मचर्यंतप ऋद्धि निर्देश
१. घोर व अघोर गुण ब्रह्मचारी के लक्षण २. घोर गुण व घोर पराक्रम तपमें अन्तर ५ दीसतप व महातप ऋद्धि निर्देश
६ बल ऋद्धि निदश
१ मनोबल, वचनबल व कालबल ऋद्धिके लक्षण ७ औषध ऋद्धि निर्देश
१ औषध ऋद्धि सामान्य
२ आमर्ष, बेल, जल्ल, मल व विट औषध
१. उपरोक्त चारोंके लक्षण २. आमश
३ सर्वोषध ऋद्धि निर्देश
४ आस्यनिर्विष व दृष्टिनिधि औषध ऋद्धि निर्देश
रस ऋद्धि निर्देश
१ आशीविष रस ऋद्धि
(शुभ व अशुभ आशीविशके लक्षण )
२ दृष्टि विष व दृष्टि अमृत रस ऋद्धि निर्देश
१. दृष्टिविष रस ऋद्धिका लक्षण २. दृष्टि अमृत रस ऋद्धिका लक्षण
३ दृष्टि अमृत रस ऋद्धि व अघोर ब्रह्मचर्य रूपमें अन्तर
१. ऋद्धिके भेद निर्देश
१. ऋद्धियोंके वर्गीकरणका चित्र
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बुद्धि*
१ जल
२ जंघा
३ तन्तु
४ फल
१ मेघ
२ मरुत
३ अग्नि
५ पुष्प
६ बीज
७ आकाशश्रेणी इत्यादि
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चारण
।। ।।। ।।।
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व अधोरण माने अतर
ऋद्धि
(स.प.४/१६) (६/४.९.७/गा. १८/५८) (स सि. ३/३६/२३०/२) (रा. ना.३/१२/२/२०१/२१), ( चा २९९२१२ 1 विकिया
1
|
| २
क्रिया
1
४ धारा
ज्योतिषआदि
(ध.: रावा; चा. सा ) । ति प / ४ / १०२४की अपेक्षा
आकाश
गामित्व
}
विक्रिया
१ अणिमा -
२ महिमा
४ गरिमा - ३ लघमा -
६ प्राक्राम्य ५ प्राप्ति
१ उग्र
७ शत्व
८ वशित्व
६ अप्रतिघाती -
१० अन्तर्धान
११ कामरूपित्यइत्यादि
पराक्रम
४ घोर-
ब्रह्मचर्य
1
तप
३।
४४७
५ सप्त
1
1 4
उग्रोग्र अवस्थित घोर
१. ऋद्धिके भेद निर्देश
३ क्षीर, मधु, सर्प, व अमृतस्रावी रस ऋद्धियोंके लक्षण पदार्थोंका क्षीरादि रूप परिणमन
४ रस ऋद्धि द्वारा कैसे सम्भव है ?
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क्षेत्र ऋद्धि निर्देश
१ अक्षीण महानस व अक्षीण महालय ऋद्धिके लक्षण
१० ऋद्धि सामान्य निवश
१ शुभ ऋद्धिकी प्रवृत्ति स्वतः भी होती है पर अशुभ ऋद्धियोंको प्रयत्न पूर्वक ही
दीप्त
२ एक व्यक्तिमे युगपत् अनेक ऋद्धियोकी सम्भावना
३ परन्तु विरोधी ऋद्धियाँ युगपत् सम्भव नहीं
* परिहार विशुद्धि, आहारक व मनःपर्वयका परस्पर विरोध परिहारविशुद्धि
★ आहारक व वैक्रियकमे विरोध - दे. ऊपरवाला शीर्षक ★ तेजस व आहारक ऋद्धि निर्देश दे, वह वह नाम * गणधरदेवमे युगपत् सर्वऋषि धर दे. धुतकेयली १/२
दे.
* साधुजन ऋधिका भोग नही करते
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मन वचन
बल ४ |
1
काय
१ आमर्ष २ क्ष्वेल
३ जल्ल
४ मल
५ विट
दृष्टिनिर्विष ७ मुखनिर्विष
६ सर्व
1
1
अघोर शुभ
या
या
घोर गुण अघोर गुण
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औषध रस ५] ६।
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
आस्या दृष्टिविष
विष
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1
क्षेत्र (अक्षीण)
1७
1
अक्षीण
महानस
1
क्षीर
सावी
३
T
अशुभ शुभ अशुभ
T
अलीमहालय
1 मधु
स्रावी
सर्पि
अमृतस्रावी स्रावी
५
* बुद्धिका वर्गीकरण अगले पृष्ठ पर
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