Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 1
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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इतिहास
३४५
१०. आगम समयानुक्रमणिका
माका
समय
ई. सन । रचयिता
Talk
कमाक
ग्रन्थ
समय।
भाषा
ब्रह्मदामोदर यथानाम
.
४२२.
विषय
य । ई.सन्
| रचयिता विषय ३७४ पुण्यास्रव कथा | मध्यपाद | रामचन्द्र । यथानाम स. १४ ईसवी शताब्दी १४.कोष
४१३ णेमिणाह चरिउ पूर्वपाद । लक्ष्मणदेव | यथानाम ३७६ जगत्सुन्दरीयश कीति ४१४, मयणपराजय "
उपमित कथा प्रयोगमाला
चरित्र ३७७ स्याद्वाद भूषण
| (खण्ड पाव्य) अभयचन्द्र न्याय
"४१५ भविष्यदत्त कथा मध्यवाद श्रीधर ४ १०० मिणाह चरिउ, १२३०
अप.४१६ अनन्तवत कथा १३२८-६३
यथानाम ३७६ पुष्पदन्त पुराण | गुण बर्म
पद्मानन्दि
स४१७ जोरापल्लीपाव ३८० सागार धर्मामृत | १२३६ १२३४५
भट्टारक आशाधर श्रावकाचार
नाथ स्तोत्र ३८९ त्रिषष्टि स्मृति | १२३४ ,
शलाका पुरुष भावना पद्धति
भक्तिपूर्ण स्तव शास्त्र
४१६ बर्द्धमान चरित्र
यथानाम ३८२ कर्म विपाक | १२४०-६७ | दवेन्द्रसूरि | कर्म सिद्धान्त
श्रावकाचार ३८३ कर्म स्तब
सारोद्धार ३८४ बन्ध स्वामित्व
| "४२१ परमागमसार १३४१ . श्रुत मुनि आगमका स्वरूप ३८५ षडषीति
वराग चरित्र | उत्तराधं वर्द्धमानभट्टा यथान.म (मूक्ष्मार्थ विचार)
४२३ गोमट्टसार टो १३५६ केशव वर्जी ३८६ कर्म प्रकृति उत्तरार्ध | अभयत्तन्द र्म सिअन्त ४ न्यायदीपिका १३६०-१५१८/ धर्मभूषण न्याय २८७ मन्दप्रबोधिनी
मिद्धान चक. गो, सा टो |१२५ जम्बूस्वामीचरित्र १९६३-११६८/वह्म जिनदास यथानाम ३८८ पुरुदेव चम्पू
| अदास ऋषभ चरित्र |..२६) राम चरित्र ३८६ भव्यजन कण्ठा
४२१ हरिवश पुराण भरण
४२८ बाहुबलि चरिउ १३६७ कवि धनपाल १६० मुनिसुव्रत काव्य
यथानाम
४२६ अणत्यमिय नहीं .. हरिचन्द | रात्रिभुक्ति हानि । ३६१ विश्वल चन कोष
" ,
धरसेन . नानार्थक कोष १५ ईसवी शताब्दी १५ :३६२ शृगारार्णव
विजयवर्णी | काव्य शिक्षा "३०] अणत्यमिउ कहा ! १४००-७६ कवि रइधु । रात्रिभुक्ति त्याग चन्द्रिका (छन्द अल कार) ४३१धण्णकुमार चरिउ |
यथानाम ३६३ अल कार १२५०-६० अजितसेन
"१३२/पउन चरिउ चिन्तामणि
जैन रामायण ३६४ अगार मञ्जरी
१३३ बलहद चरिउ
बलभद्र चरित्र ३६५ अणुवयरयण १२५६ पं.लाखू
सुलोचना चरित्र । पईव
३५ वित्तसार
श्रावक मुनि धर्म सम्मइजिणचरिउ
प्रा१३ सम्माजण ३६६ त्रिभगीसार । अन्त पाद | श्रुत मुनि । कर्म सिद्धान्त
भगवान महावीर । टीका
४३७ सिद्धन्तसार
श्रावक मुनि धर्म ४३८ सिरिपाल चरिउ
श्रीपाल चरित्र ३१७ आस्रव त्रिभंगी
४३६) हरिवंश पुराण
औपशमिकादि ३१ भाव त्रिभगी
यथा नाम ३६६ काव्यानुशासन वाग्भट्ट
यशोधर चरित्र ( काव्य शिक्षा
१४ बइ ढमाण चरिउ पूर्वपाद जयमित्रहल यथा नाम छन्दानुशासन
छन्द शिक्षा
- नरसेन ४०१ जिणरत्तिविहाण
यथानाम
(सेणिय चरिउ)
२४२ (वड्माणकहा)
मल्लिणाहकव्व
यथा नाम उपमित कथा १०२ मयणपराजय
पद्मनाभ
122/ यशोधर चरित्र | ४०३ सिद्धचककहा
श्रीपाल मैना
मविपाक १४०६-१४४२ सवलकीति कर्मसिद्धान्त १०४ स्याद्वादमजरी १२६२ ! मल्लिपेण | न्याय
प्रश्नोत्तर श्राव
श्रावकाचार ४०५ महापुराण ! १२६३ शाह ठाकुर अन्नाका पुरुष १४४६तत्त्वार्थ सारदीपक
तत्त्वार्थ कालिका ।
४७ सद्भाषितावली
अध्यात्मोप ४०६ सतिणाह चरिउ १२६५
यथानाम . ८/परमात्मराजस्तोत्र
भक्ति १०७ तत्वार्थ मूत्र वृत्ति १२६६ भास्कर नन्दि स४४६/ आदि पुराण
ऋषभ चरित्र ४०६ ध्यान स्तर
ध्यान .. ४५० उत्तर पुराण
२३ तीर्थर ४०६ मुखत्रोध वृत्ति
तत्यार्थ सूत्र टीका पुराणसार सन
६ तीर्थकर ४१० सुदर्शन चरित १२६८ विद्यानन्दि २ यथानाम
" शान्तिनाथचरित
यथा नाम ४११ लाक्य दीपक श १३-१४ वामदेव लोक विभाग
" मल्लिनाथ ४१२ भावसग्रह
| देवमेन कृतका
|-४५४/ पार्श्वनाथ पुराण | | सं रूपान्तर
| ४५५ महावीर , ।
| अणुव्रत रत्न प्रदोष अप३४ मेहेसर चरिउ
स/४४० जसहर चरिउ
लाय ..
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश
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