Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 1
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 404
________________ उदय ३८९ ६. कर्म प्रकृतियोंकी उदय व उदयस्थान प्ररूपणाएं - - प्रति प्रति विवरण स्थान | स्थान | गुण | सम्यक्त्व प्रकृति भंग | स्थान विशेष २ । १२ । । सवेदभाग | प्रकृति w ६-२ क्षा, व उप सम्यक्त्वी m , ६-७ वदक सम्य क्षा उप सम्य गुण | कुल प्रति प्रति भगोंका विशेषता यात उदय स्थान स्थान प्रकृतियों का विवरण "स्थान प्रकृति भग विवरण उपरोक्त ४x अन्यतम वेद १/४८ | उपरोक्त ८+भय जुगुप्सामें-से दे भंग निकालने अन्यतम १ ६ के उपाय ४४३०१२ १०.२४ उपरोक्त ८+भय और जुगुप्सा, . २४ देखो ऊपर नं.१]. दोनों में उपाय २४. अनन्ता,आदि चतुष्क, अन्य२४ । दे ओघ प्ररूपणा तम वेद १, अन्यतम युगल२०७ उपरोक्त+भय या जुगुप्सा-८ ...+भय और जुगुप्सा -६ मिश्र.१, अप्रत्या. आदि ३, अन्य. तम वेद १,अन्यतम युगल २-७ उपरोक्त ७+भय याजुगुप्सा-८ , ,, और , -१ सम्य १, अप्रत्या. आदि ३, अन्य तम वेद १, अन्यतम युगल२-७ | उपरोक्त+भय या जुगुप्सा६/२४ , +, और , -६ ३६२४ अप्रत्या आदि ३ अन्यतम वेद १, अन्यतम युगल २-६ we w | वेदक क्षा.उप.सम्य | वेदक क्षा उप.सम्य cendan " वेदक क्षा.उप.सम्य वेदक क्षा. उप. वेदक ww urv99999999Uvvu "" wwwws २१६ ७४८ | उपरोक्त+भय या जुगुप्सा-७ ८) २४ प्रत्या. आदि २, अन्यतम वेद १ अन्यतम युगल २, सम्य.१६ ४८/ उपरोक्त+भय या जुगुप्सा-७ +, और ,, ०८ ५२४ प्रत्या.आदि २, अन्यतम वेद १ अन्यतम युगल २-५ वेदक क्षा. उप. वेदक वेदक १० २४ । । १२८ ३. मोहनीयके उदयस्थानोकी ओघ प्ररूपणा (पं.सं./प्रा. ५/३०३-३१८); (ध. १५/८२) (गो. क. ६५५-६२६/८४६-८४८), (पं.स./सं १३३०-३४६) संकेत : (देखो भग निकालने के उपाय) ६४ उपरोक्त५+भय या जुगुप्सा-६ | २४ " ., और ७ २४ सम्य. १, संज्वलन १, अन्यतम वेद १, अन्यतम युगल २-५ ४८ उपरोक्त+भय या जुगुप्सा . .+, और , -७ ३ ४२४ सज्वलन १, अन्यतम वेद १, । अन्यतम युगल २-४ उप. उपरोक्त+भय या जुगुप्सा-५ | .. ., और , -६ | २४/ उपरोक्त वत् गुण कुल प्रति प्रति भंगोंका शान उदय स्थान स्थान प्रकृतियोका विवरण विवरण का स्थान प्रकृति भग ७२४ | मिथ्यात्व, अप्रत्या, आदि तीन, | देखो, भंग हास्य-रति या अरति शोकमें- निकालनेके से १, युगल २, अन्यतम वेद१ उपाय संज्वलन १, अन्यतम वेद १-२ सज्वलन १ अन्यतम कषाय |२४| उपरोक्त ७+अनन्ता. चतुष्कमें अन्यतम १ १' संज्वलन लोभ जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506