Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 1
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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इतिहास
३४४
१०. आगम समयानुक्रमणिका
4. भाषा
सक्रमाक
ग्रन्थ
ई. सन् | रचयिता
पूजा पाठ
समय ।
समय । ग्रन्थ
रचयिता विषय ग्रन्थ
रचयिता
विषय २६८ देशोनाममाला सस्कृत शब्द कोश सं.३३८ अमरकोष टीका
सस्कृत शब्दकोष स २६६ काव्यानुशासन
काव्य शिक्षा |,३३६ भव्यकुमुद ३०० द्वयाश्रय महाकाव्य
चन्द्रिका ३०१ योगशाख
ध्यान समाधि ३४० अष्टाङ्ग हृदयोद्योत ३०२ द्वात्रिंशिका
.३४१ भरतेश्वराभ्युदय
भरत चक्री चरित्र ३०३ चन्द्रप्रभचारित्र | १०४ कवि अग्गल यथानाम
कन्ना |
काव्य ३०४ तात्पर्य वृत्ति श.११-१२ जयसेन । समयसार टीका ३४२ त्रिपष्टि स्मृति
शलाका पुरुष प्रवचमसार टीका..
शास्त्र पचास्तिकाय टोका, ३४३ राजमतिविप्रलम्भ
नेमिराजुल सवाद ३० वैराग्गसार । सुभद्राचार्य | यथानाम अप.] ।
सटीक
३४४ भूपाल चतुर्विश१२ ईसवी शताब्दी १२:
। तिका टीका ३०६) प्रमेयरत्नकोष । ११०२ चन्द्रप्रभ सूरि न्याय
३४५ नित्य महोद्योत (श्वे )
३४६ जिनयज्ञ कल्प ३०७ स्याद्वाद् सिद्धि ११०३ वादीभ सिंह
३४७ प्रतिष्ठा पाठ ३०८ तत्वार्थ सूत्र वृत्ति पूर्व पाद | बालचन्द्र | यथा नाम
३४८ सहस्रनाम स्तब - मुनि
३४६ रत्नत्रयविधान ३०६ धर्म परीक्षा | पूर्वाधं वृत्ति विलास वैदिकोंका उपहास कन्नड | टीका ३१० प्रमाणनय | १९१७-६६ वादिदेव सूरि न्याय
स. ३५० धन्यकुमार चा ११८२ | गुणभद्र २ यथानाम काव्य | तत्त्वालङ्कार
३५१ णेमिगाह चरिउ ११८७ अमरकीति (स्याद्वाद रत्नाकर
३५२ धक्कामुवएस
गृहस्थ षट्कर्म .. ३११ आचार सार | मध्यपाद | वीर नन्दि
यत्याचार
३५ पन्जुण्ण चरिउ अन्तपाद | कवि सिह प्रद्युम्न चरित्र ३१२ पार्श्वनाथ स्तोत्र
पद्मप्रभ , यथा नाम शाखसार
माधन्दि | शलाका पुरुष, स ३१३ नियमसार टोका
मल्लधारी देव अध्यात्म
समुच्चय
योगीन्द्र
तत्व तथा आचार ३१४ कन्नड व्याकरण
यथा नाम कन्न३५५ सङ्गीत समयसार " पार्थ देव । सङ्गीत शास्त्र ३१. धर्मामृत
कथा सग्रह
"३१६ आराधनासार श १२-१३ | रविचन्द्र चतुर्विध आराधना.. ३१६ ब्रह्म विद्या ।
अध्यात्म
समुच्चय ३१७ पासणाह चरिउ ११३२ कवि श्रीधर पार्श्वनाथ चरित्र अप३५७ मेमन्दर पुराण ।
| वामन मुनि विमलनाथके दो त. ३१८ वड्ढमाण चरित्र वर्द्धमान
गणधर ३१६ संतिणाह चरित
शान्तिनाथ,
उदय त्रिभंगी ११८० | नेमिचन्द्र ४ कर्म सिद्धान्त ३२० भविसयत्त चरिउ ११४३ भविष्यदत्त, 30 सत्त्व विभगी।
(मैद्धान्तिक . ३२१ सितपट चौरासी ११४३-११६७५ हेम चन्द यशोविजयके दिग्पट हि.
चौरासीका उत्तर । । १३ ईसवी शताब्दी १३ :३२२ सुबंध दहमो कहा १९५०-६६ उदय चन्द सुगन्धदशमी कथा अप ३२३/ सुकुमाल चरिउ ११५१ | श्रीधर ३ सुकुमाल चरित्र ३६० बन्ध त्रिभंगी । १२०३ | माधवचन्द्र कर्म सिद्धान्त प्रा. ३२४ अञ्जनापवन जय १९६१ ११८१श हस्तिमल यथा नाम नाटक स.१६१ क्षपणासार टी. ३२, मैथिली कल्याणम्
सीता-राम प्रेम ,३६२ चदप्पहचरिउ पूर्व पाद ब्रह्मदामोदर यथानाम नाटक | ६३| चंदण छट्ठीव हा
५.लाखू | चन्दनषष्टी व्रत ३२६ विक्रान्त कौरव सुलोचना नाटक |.३६५ जिण यत्तकहा
यथानाम ३२७ | सुभद्रा नाटिका भरत-सुभद्रा प्रेम , ३६५ कथा विचार मध्य पाद भावसेन न्यायाजरूप
स अनगार धर्मा ११७३-१२४३|पं. आशाधर यत्याचार
विद्य वितण्डा निराकरण ३२६ मूलाराधना
३६६ कातन्त्र रूपमाला
शब्द रूप दर्पण
३६७ च्याय दीपिका ३३० सागार धर्मामृत
श्रावकाचार ३६८ न्याय सूर्यावली ३३१ क्रिया कलाप ।
व्यावरण .. ३६६ प्रमाप्रमेय ३३२ अध्यात्म रहस्य अध्यात्म ,७० भुक्तिमुक्तिविचार
श्वे निराकरण ३३३ इष्टोपदेश टीका अध्यात्मोपदेश ३७१ विश्व तत्त्वप्रकाश
अन्यदर्शन , ३३४ ज्ञानदीपिका अध्यात्म ,,३७२ शाक्टायन ।
यथानाम ३३५, प्रमेय रत्नाकर
न्याय
व्याकरण टी. ३३६ वाग्भट्टसंहिता
1,३७३ सप्तपदार्थी टोका ३३७ काव्यालङ्कार टो
काव्य शिक्षा , ३७४ सिद्वान्तसार ।
११२५
नयसेन
११२८
मलिषेण
३२८
न्याय
जैनेन्द्र सिद्वान्त कोश
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