Book Title: Jainendra Siddhanta kosha Part 1
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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इतिहास
३३०
८. आचार्य समयानुक्रमणिका
नाम
१७
२१५/
१७२
२१६
/२२२/
पोन्न
२२३/
उत्तराध
.
२२६
१
१८२/
१८६/ कहा
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2
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समय ई सन् नाम गुरु या विशेषता प्रधान कृति
1 समय ।
गुरु या
प्रधान कृति
विशेषता १० ईसवी शताब्दी ९ -
२१२ ६३५- मेघचन्द्र त्रिविद्य त्रैकाल्ययोगी । ज्वालामालिनी । पूर्वपाद । परमेष्ठी , अपभ्रंश कवि | वागर्थ संग्रह २१३
६३७ कुलभद्र
सारसमुच्चय ८००-८३० महावीराचार्य
गणितसार संग्रह २१४ ६३६ इन्द्रनन्दि बपनन्दि श्रुतावतार ८१४ | शाकटायन- | यापनोयसंघी शाकटायन
६३६ कनकनन्दि
सत्त्वत्रिभगी पान्यकीर्ति शब्दानुशासन २१६ १४०-१००० सिद्धान्तसन
गोण सेनसे गुरु नृपतुंग कन्नड कवि | कविराज मार्ग २१७ ६४३-६६८ | सोमदेव १
नेमिदेव नीतिवाक्यामृत १७३/ ८१८-८७८ | जिनसेन ३ वीरसेन स्वामी आदिपुराण | ६४३-१७३ | दामनन्दि
सर्वचन्द्र १७४ ८२०-८७० | दशरथ
६४३-६८३ नेमिषेण
अमितगति १७५ पद्मसेन
६४ गोपसेन
शान्तिसेन १७६ , देवसेन १
२२१) हर
पद्मनन्दि
हेमचन्द्र १७७ ८२८ उग्रादित्य श्रोनन्दि
(कन्नडकवि) शान्तिपुराण कल्याणकारक गर्गर्षि (श्वे.) मध्य पाद कर्मविपाक ६६०-६६३
अजितनाथपुराण गुगनन्दि ८४३-८७३ बलाकपिच्छ
२२४ उत्तरार्ध पुष्पदन्त | अपभ्रश कवि जसहर चरिउ अनन्तकीति त्रिभुवन स्वयंभू कवि स्वयंभूका | वृहत्मर्वज्ञ सिद्धि २२५ उत्तरार्ध भट्टवोसरि | दामनन्दि आय ज्ञान पुत्र ६५०-६१० रविभद्र
आराधनासार १८ देवेन्द्र सैद्धान्तिक गुणनन्दि
वीरनन्दि २ अभयनन्दि ।
आचारसार ८८३-६२३ वीरसेन २ रामसेन
२२७ ६५०-१०२० सकलचन्द्र ८६३-६२३ कलधौतनन्दि देवेन्द्रसैद्धान्तिक
६५०-१०२० प्रभाचन्द्र ४ पद्मनन्दि से० प्रमेयकमल मा वसुनन्दि २
६५३-६७३ सिंहनन्दि ४ अजितसे नके गुरु कुमारसेन काष्ठा संघ
६६०-१००० गोणसेन पं. सिद्धान्तसेन संस्थापक
६६३-१००३ अजितसेन सिहनन्दि १८७ धर्मसेन २ लाडनागडगच्छ |
२३२/ १६३-१००७ माधवसेन नेमिषेण
| वरवंड चरिऊ गुणभद्र १ १८८ ८८
उत्तरपुराण जिनसेन ३
६६५-१०५१ कनकामर बुधम गलदेव
भविसयत्त कहा १८६ अन्तिम पाद | धनपाल
२३४ ६६८-६६८ वीरनन्दि
। दामनन्दि
पंचस ग्रह (श्वे.) ११० ई श६-१० / चन्द्रर्षि महत्तर
२३ ६७२ यशोभद्र (श्वे)| साडेरक गच्छ ११. ईसवी शताब्दी १०:
६७३ यश कीर्ति २ | पद्मनन्दि कलधौतनन्दि | उत्तरपुराण (शेष)२३०१७३ भावसेन गोपसेन /गोलाचार्य १६१ १००१२०
| प्रद्युम्न चरित्र गुणभद्र १
२३८ लोकसेन
६७४
गुणाकरसेन
महासेन १६२ १००-६४०
सिद्धि विनि वृ देवसेन १ वीरसन २
६७५-१०२५ अनन्तवीर्य १ द्रविड सघी १६३/ १०३-६४३
दीव पण्णति दुर्गा स्वामी सिद्धर्षि उपमिति भव-२४० ६७७ १०४३
बालनन्दि
पद्मनन्दि ४ १६२ १०५
कुदेकदत्रयो टी प्रपञ्च कथा २४१] १८०-१०६५
प्रभाचन्द्र५
चारित्रसार १६५ १०५-६५५ अमृतचन्द्र आरमख्याति २४२/ १७८
चामुण्डराय | अजित सेन
गोमट्टसार १६६
इन्द्रनन्दि विमलदेव १०६
नेमिचन्द्र देवसेनके गुरु
१८१ १६७ कनकसेन | कोई काव्यग्रन्थ
सिद्धान्त चक्रवर्ती नेमिदेव वाद विजेता १६० ६१८-६४३
बालचन्द्र ६८३
अनन्तवीर्य
श्रावकाचार सर्वचन्द्र ६१८-१४८ वसुनन्दि
६८३-१०२३
माधवसेन
अमितगति २ | त्रैकात्ययोगी गोलाचार्य
६८७ ६२०-६३०
| धम्मपरिक्खा हरिषेण अपभ्र श कवि
| बद्ध मान चरित्र २०१ १२३ शान्तिसेन धर्मसेन
६८८
नागनन्दि
असग हेमचन्द्र
छन्दोम्बुधि कुमारसेन
नागवर्म १ ६६०
कन्नड कवि १२३ विजयसेन | नागसेनके गुरु
२४६ ६१०-१००० गुण कीति मध्य पाद
अनन्तवीर्य २०४ अभयदेव (श्वे.)
बाद महार्णव २५० ६६०-१०४० देवकीति २ हरिचन्द एक कवि धर्मशभ्युिदय २५१ हम४ उदयनाचार्य | (नैयायिक) | किरणावली
माधवचन्द | नेमिचन्द्र २०६ त्रिलोकसार टीका २५२ १६१ श्रीधर २
न्यायकन्दली (विद्य) सिद्धान्त चक्रवर्ती
२५३/ लगभग ६३ देवदत्त अपभ्रंश कवि वरांग चरिउ २०७० ६२३-६६३ अमितगति १ | देवसेन सूरि योगसार प्राभृत
अजित
रत्न २०८ ६३०-६५०
अभयनन्दि वीरनन्दिके गुरु जैनेन्द्रमहावृत्ति २५४ ६६३-१०२३ श्रीधर ३ वीरनन्दि पद्यनन्दि
त्रैकाल्ययोगी | २०६१३०-१०२३
६३-१०५० नयनन्दि माणिक्यनन्दि मुदसण चरिङ (आविद्धकरण) २५६ ६६३-१९१८ शाम्त्याचार्य
जैनतर्क वातिक२१० ६३१ हरिषेण भरतसेन बृहत्कथाकोश
| वृत्ति २१९ ६३३-६५५ | देवसेन २ विमलदेव द र्शनसार
२३६
२३६/
पूर्वार्ध
२०१०
घर ३
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