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अवगाहना
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१. अवगाहना सम्ब.पी प्ररूपणाएं
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स
६. चौदह जीव समासो की अपेक्षा अवगाहना की मत्स्य रचनाका यंत्र नोट व संकेत '१. रचनाका क्रम (देखो पहले पृष्टपर)
जघन्य, मध्यम, उत्कृष्ट स्थान व अवक्तव्य वृद्धि २. एक स्थानको दो मिन्दी-उस स्थान में
४. दो बिन्दी के बीच का अन्तरालप्रति जघन्यसे उत्कृष्ट पर्यन्त अवगाहनाके सर्वभेद
अवगाहना स्थान अवक्तव्य वृद्धि । ३. *दो दो स्थानों में बिन्दीप्रति अवगाहना
५. दो बिन्दियो के बीच के स्थान मध्यमस्थान (ति प../३१८ विस्तार), (गो जी./जी प्र/११२/२७४) ।
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प.द्विज.
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सू.प.ज.
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३. मनुष्य गति सम्बन्धी प्ररूपणा
४ देवगति सम्बन्धी प्ररूपणा १. भरतादि क्षेत्रों व कर्मभोग भूमिकी अपेक्षा अवगाहना १ भवनवासी देवोकी अवगाहना गणना-२००० धनुषका १ कोश
(म आ १०६२) (ति प ३।१७६) (ह पु ४/६८) (ध ४/१,३,२/गा.१८/७ प्रमाण-१. (मू आ १०६३,१०८७), २ (स सि.३/२६-३१),३ (ति. (ज प ११/१३१) (त्रि सा २४६) प४/ गा न ), ४ (रा वा.३/२६-३१/१६२), ५. (ध.४/
क्रम नाम अवगाहना क्रम नाम | अवगाहना १,३,२/४५)६ (ज प.११/५४), ७ (त सा २/१३७)
असुरकुमार 1२५ धनुष ६ | उदधिकुमार । १० धनुष्य प्रमाण अधिकरण अवगाहना विद्य तकुमार
द्वीपकुमार १० . ति.प.| अन्य क्षेत्र निर्देश भूमि निर्देश
सुपर्ण कुमार
दिककुमार जघन्य उत्कृष्ट गा | प्रमाण
अग्निकुमार १० .
स्तनित कुमार | १० , वातकुमार
१० । नागकुमार १०, २९,५,७ भरत-ऐरावत कर्म भूमि ३३ हाथ ५२५ धनु
२ व्यन्तर देवोकी अवगाहना ४०४ १,२ हैमवत हैरण्य जघन्य भोग ५२५,५०० धनु २००० धनु
१ (मू आ १०६२', २ (ति.प ४/७६,१६५२,१६७२), । बत ३१६ १.२ हरि-रम्यक मध्यम भोग २००० धनु
३ (ति प६/८), ४. (ह.पु.४/६८). ५. (ध.४/१३,२/गा.१८/७६),
४००० धनु २२५६ / २,५ विदेह उ कर्मभूमि ५०० धनु
६ (ध ७/२,६,१७ 'गा १/३१६), (ज प ११/१३६) ५०० धनु
प्रमाण स.-१,३-६ (किन्नर आदि आठ प्रकार व्यन्तरों की ३३५ / १.२ । देव व उत्तर उत्तम भोग ४००० धनु ६००० धनु
अवगाहना १० धनुष है।) २५१३ | ६ । अन्तर्वीप कुभोग ५०० धनु
प्रमाण स.२-(मध्य लोकके कूटो व कमलो आदिके स्वामी देव २००० धनु
देवियोकी अवगाहना भी १० धनुष बतायी गयी है)। २ सुषमा आदि छ कालोकी अपेक्षा अवगाहना .
है ज्योतिषी देवोको अवगाहना
(मू आ १०६२) (ति प ७/६१८) (ह पु. ४/६८) (ध ४/१,३, अवसर्पिणी
उत्सर्पिणो
२(गा १८/७६) (ज.प ११/१३६) (त्रि.सा.२४१) (सर्व ज्योतिष काल जघन्य । उत्कृष्ट | जघन्य । उत्कृष्ट
देवोकी अवगाहना ७ घनुष है) निर्देश ति.प/४ अवगाह | अवगाहना 'तिप/अब ति
४ कल्पवासो देवोंकी अवगाहना अव
१. मू आ १०६४-१०६८), २. (स.सि.४/२१/२५२); ३. (ति प.८/६४०); गा.
४. (रा.बा.४/२१/८/२३६/२६), ५ (ह.पु ४/६६); ६ (ध.७/२,६,१७/ सुषमासुषमा ३३५/४००० धनु ६००० धनु | १६०२ ,
२-६/३१६ ३२०), ७.(ज.प.११/३४६-३५२); ८(ज.प.११/२५३). सुषमा ३६६ २००० ४००० ।।
(त्रि सा ५४३), १०. (त.सा.२/१३६-१४१) सुषमादुषमा
४०४ | १२५ २००० , दुषमासुषमा १२७७ ७हाथ १२५
प्रमाण स.
नाम अवगाह विशेषता १४७५ ३ या ३१ ७हाथ
स.३ के बिना सर्व सौधर्म-ईशान ७हाथ | दुषमादुषमा १५३६ | १
, ३१८के बिनासर्व सनत्कुमार-माहेन्द्र
ब्रह्म-ब्रह्मोत्तर ५ ।
प्रमाण
गा.
..
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अवसर्पिणी वत्
21.
अवसपिणीवत
दुषमा
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