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३३२ / जैनपरम्परा और यापनीयसंघ / खण्ड ३
अ०१६ / प्र०१ २. "एतेषां स्वरूपं लक्षणतो विधानतश्च पुरस्ताद्विस्तरेण निर्देक्ष्यामः।" (सर्वार्थसिद्धि । १/१/ पृ. ४)= लक्षण और भेद के साथ इनका (सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र का) स्वरूप आगे विस्तार से कहेंगे।
३. “अवसरप्राप्तं बन्धं व्याचक्ष्महे।" (तत्त्वार्थराजवार्तिक ८/१/ उत्थानिका । पृ.५६१)= अब हम अवसरप्राप्त बन्ध का वर्णन करते हैं।
४. "सम्प्रति प्रस्तावायातं बन्धं वक्ष्याम इति।" (हारिभद्रीयवृत्ति / उत्थानिका । तत्त्वार्थसूत्र ८/१/पृ. ३६५)= अब हम अवसर प्राप्त बन्ध का वर्णन करेंगे।
५."निर्दिष्टे संवरनिर्जरे--- । सम्प्रति तत्फलं मोक्षः तं वक्ष्यामः।" (सिद्धसेनगणी/ तत्त्वार्थभाष्यवृत्ति /१०/१/ पृ. २९३ उत्थानिका)= संवर और निर्जरा का निर्देश किया जा चुका है। अब उनका जो मोक्षरूप फल होता है, उसका वर्णन करेंगे।
६. "यथाक्रममेतेषामनुष्ठानं स्वरूपं च वक्ष्यामः।" (व्यासभाष्य / पातञ्जलयोगदर्शन/ पाद २ / सूत्र २९) = इन यम, नियम आदि आठ योगांगों के अनुष्ठान और स्वरूप का क्रमशः निरूपण करेंगे।
___ यह शैली तत्त्वार्थाधिगमसूत्र के भाष्यकार ने भी अपनायी है, जो निम्नलिखित उदाहरणों में द्रष्टव्य है
१. "तं पुरस्ताल्लक्षणतो विधानतश्च विस्तरेणोपदेक्ष्यामः।" (१/१)= सम्यग्दर्शनज्ञान-चारित्ररूप मोक्षमार्ग के लक्षण और भेदों का हम आगे विस्तार से निरूपण करेंगे।
२. "अणवः स्कान्धाश्च सङ्घातभेदेभ्य उत्पद्यन्त इति वक्ष्यामः।" (१/५)= 'अणवः स्कन्धाश्च' और 'सङ्घातभेदेभ्य उत्पद्यन्ते' इन दो सूत्रों (५ / २५-२६) का हम आगे चलकर वर्णन करेंगे।
३. "परिणामो द्विविधः अनादिरादिमांश्च। तं परस्ताद् वक्ष्यामः।" (५/२२/ पृ. २६७) = परिणाम दो प्रकार का होता है : अनादिमान् और आदिमान्। उसका कथन हम आगे (सूत्र ५/४२ में) करेंगे।
इन उदाहरणों से सिद्ध है कि व्याख्याकार का अपने साथ उत्तमपुरुष की क्रिया का प्रयोग कर मूलग्रन्थकार के वचनों की व्याख्या करना व्याख्या की एक शैली है। अतः तत्त्वार्थधिगमभाष्य में भाष्यकार के साथ उत्तम (प्रथम) पुरुष की क्रिया का प्रयोग होने से यह सिद्ध नहीं होता कि भाष्यकार ही सूत्रकार हैं। यदि ऐसा माना जाय, तो सर्वार्थसिद्धि-टीकाकार पूज्यपाद स्वामी, तत्त्वार्थराजवार्तिककार भट्ट अकलंकदेव, तत्त्वार्थभाष्य-वृत्तिकार सिद्धसेनगणी तथा तत्त्वार्थसूत्र-वृत्तिकार हरिभद्रसूरि के भी सूत्रकार होने का प्रसंग आयेगा, क्योंकि इन सब ने भी अपने साथ
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