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SUBS श्री कृष्ण जी
भावना
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श्री कृष्ण जी के पिता श्री वासुदेव जी और बाईसवें जैन तीर्थंकर श्री अरिष्टनेमि जी के पिता श्री विजयभद्र आपस में सगे भाई थे। श्री अरिष्टनेमि ऐतिहासिक महापुरुष हुये हैं। वेदों
और पुराणों तक में इनके गुणों का भक्तिपूर्वक वर्णन है। ये बालब्रह्मचारी और महाबलवान् थे। जब तक गृहस्थ में रहे, जैन धर्म का पालन करते हुये भी जरासिन्ध जैसे अनेक महा योद्धाओं पर विजय प्राप्त करते रहे। और जब जिन-दीक्षा लेकर जैन साधु हुये तो कर्म रूपी शत्रुओं पर विजय प्राप्त करके केवल ज्ञान (सर्वज्ञता) प्राप्त किया । जब श्री कृष्ण जी ने इनके केवल ज्ञान के समाचार सुने तो उसी समय चक्र की प्राप्ति और
2. Dr Fehrer: A pigraphica 1.dica, Vol. II, P. 206-207. २-३. “वीर समय से पहले जैन सम्राट" खण्ड ३ में १२ व तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी
के फुट नोट। ४-७. (क) हरिवंश पुराण, (ख) पांडव पुराण, (ग) नेमिपुराण ।
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