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श्री वर्द्धमान महावीर
और
उनका प्रभाव
वीर-भूमि कर्म कालिमा काटी जिन, केवल लक्ष्मी पाय ।
श्री वर्धमान भगवान के, चरण नम हरषाय ॥ इसी भारतवर्ष के विदेह' देश में वैशाली' नाम का विशाल
नगर है, जिसकी विशालता के कारण ही उसका नाम वैशाली पड़ा' । चीनो यात्री ह्य न्सांग ने वैशाली को कई मीलों में फैली हुई बड़ी सुन्दर नगरी स्वीकार किया है। वास्तव में वैशाली जैन-इतिहास में एक उत्तम स्थान रखती है और वह मल्हान जैन-सम्राट चेटक की राजधानी थी। इसी वैशाली के निकट कुण्डपुर नाम का एक बहुत सुन्दर नगर था जो वैशाली का ही
१ 'वर्तमान् विहार प्रान्त को गङ्गा नदी उत्तर और दक्षिण दो भागों में बांट
देती है। गङ्गा के उत्तर की ओर मिला हुआ इलाका जो आज कल मुजफ्फरपर, मोतीहारी और दर्भगा जिले हैं, वे वीर-समय में विदेह देश कहलाते थे ।"-मन्त्री श्री वैशाली ( कुण्डलपुर ) तीर्थ प्रबन्ध कमेटी छपरा
(बिहार)। २. Ancient Geography of India, P. P. 507, 717. ३. Ancient India, P. 42, 54. ४. ह्य न्सांग का भारत भ्रमण, पृ० ३६२-३६५।
Vaisali is famous in Indian History as capital of Lichivi Rejas and the Haedquater of powerful confederacy. -Dr. B. C. Law: Jaina Antiquary, Vol. X. P. 17.
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