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बताया कि जो शक्ति होने पर भी दान न दे। इस भाँति ५६ कुमारियां माता जी को रिझाती थीं और अपनी शंकाओं का समाधान करती थीं। वीर-जन्म
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वीर-जन्म-कुण्डली हँसी खुशी के दिन वीतते देर नहीं लगती । गर्भ से , मास ८ दिन' बाद ईस्वीय सन् से ५६६२, मोहम्मद साहब से ११८०३, विक्रमी सं० से ५४२४ साल पहले चैत्र सुदी त्रयोदशी, उत्तराफाल्गुणी नक्षत्र में सोमवार को जब कि १. पं० कैलाशचन्द्र जी : जैन धर्म पृ० २२ । २-३. Pt. Vishva Natha: Golden Itihas of Bharat Warsha
___P. 36.
४. पं० जुगलकिशोरः भ० महावीर और उनका समय, पृ० ४२ । ५-६. चैत्र-सितपक्ष-फाल्गुनि शशांकयोगे दिने त्रयोदश्याम् । जज्ञे स्वोच्चस्थेषु गृहेषु सौभ्येषु शुभलग्ने ॥ ५ ॥
-श्री पूज्यपादाचार्यः निर्वांणभक्ति । 6. The Celebrated son of Ring Sidharatha was born at an
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