________________
यूनानी अधिकार बन गया और यह जैनवीर चन्द्रगुप्त ही था कि जिसने सिकन्दर को मार भगाया' । ___ यूनानियों के बाद शकों ने भारत पर हमला किया, तो शक राजा अन्तिरक्ष की मदद सौभाग्यसेन नाम के एक भारतीय हिन्दू सरदार ने की और जब हूणों ने हमला किया तब उत्तर भारत के राजा भानुगुप्त के दोनों भाई धन्यविष्णु और मातृविष्णु हूणों में जा मिले, जिसके कारण उन्होंने इन दानां को राजा बना दिया । इन दोनों हिन्दू राजाओं की बदौलत हूगों का राज्य भारत में हुआ।
मोहम्मद गजनवी ने भारत पर हमला किया तो मुल्तान का हिन्दू राजा सङ्कटपाल ग़जनवी से मिल गया, जिसने उसे मुसलमान बनाकर वहां का राज्य फिर उसे दे दिया। इसी तरह वरन का राजा अपने दो हजार साथियों के साथ मुसलमान होगया । कन्नौज के राजा राजपाल ने भी चुपचाप ग़ज़नवी को बादशाह स्वीकार कर लिया। यह सब निजी स्वार्थ में बह गये । राष्ट्र के मान-अपमान का जरा ध्यान न किया । राजा इन्द्रपाल के पिता ने भारत की स्वाधीनता के लिये अपने अनमोल प्राण न्यौछावर कर दिये और खुद इन्द्रपाल ने भी युद्ध करके मोहम्मद ग़ज़नबी के छक्के छुड़ा दिये थे, परन्तु बाद में वह झांसे में आगया और उसको भारत के विजय कराने में सहायता दी । ___ इसी प्रकार जब शक्तिसिंह और मानसिंह अपने स्वार्थ के लिये देश के शत्रुओं का पक्ष लेकर अपने भाई महाराणा प्रताप से लड़े
और पृथ्वीराज से दुश्मनी निकालने के लिये जयचन्द मोहम्मद गौरी को अपने देश पर चढ़ाई करने को बुलावे तो इसमें जैनियों और इनकी हिंसा का क्या दोष ?
१-८. Indian Historical Quaterly. Vol. XIII P. 636-639.
४३४ ]
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com