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मृत्यु मांस भक्षण से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के कारण होती हैं', इस लिये महात्मा गाँधी जी के शब्दों में मांस भक्षण अनेक भयानक बीमारियों की जड़ है २ । ___ मांस से शक्ति नहीं बढ़ती । घोड़ा इतना शक्तिशाली जानवर है कि संसार के इंजनों की शक्ति को इसकी Horse Power से अनुभव किया जाता है। वह भूखा मर जायेगा, परन्तु मांस भक्षण नहीं करेगा। वैज्ञानिक खोज से यह सिद्ध है-"सब्ज़ी में मांस से पाँचगुणा अधिक शक्ति है" ! Sir William Cooper C. I. E. के कथनानुसार घी, गेहूँ, चावल, फल आदि मांस से अधिक शक्ति उत्पन्न करने वाले हैं। यह भी एक भ्रम ही है. कि मांस-भक्षी वीरता से युद्ध लड़ सकता है। प्रो० राममूर्ति, महाराणा प्रताप, भीष्मपितामह, अर्जुन आदि योद्धा क्या मांसभक्षी थे ?
मांस-भक्षण के लिये न मारा गया हो, स्वयं मर गया हो, ऐसे प्राणियों का मांस खाने में भी पाप है, क्योंकि मुर्दा मांस में उसी जाति के जीवों की हर समय उत्पत्ति होती रहती है जो दिखाई भी नहीं देते और वे जीव मांस भक्षण से मर जाते हैं । वनास्पति भी तो एक इन्द्रिय जीव है फिर अनेक प्रकार की सब्जियाँ खाकर अनेक जीवों की हिंसा करने की अपेक्षा तो एक बड़े पशु का वध ? Flesh eating is one of the most serious causes of diseases.
that carry 99%, of the people that are born". -Ibid. P. 15. २ Mahatma Gandhi : Arogya Sadhan. 3 Many people erroneously think that there is more food value in
meat. Scientists after careful investiagation have found more food value in one pound of peanuts than in 5 pounds of flesh food. -Health & Longevity (Oriental Watchman, Poona) P.35.
Food Stuff Strength Corn Flour.... 86% Almonds.... 91%
Dried Fruits.... Grain ...... 87%
Cream . . . . . . . .
69% Unpolished Rice 87% Meat Butter & Ghee 87%
Eggs ..... Wheat Flour ..86% Fish
... 13% ---Meat Eating A Study (Suth Indian H. League, Madras) P. 22.
28%
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