________________
की शक्ति से बेखबर न थे परन्तु एक जैन वीर शरण में आये हुए को अभय दान देने से कैसे इन्कार कर सकता है ? उन्होंने पन्ना से कहा कि तू चिंता न कर जब तक मेरी जान में जान है महाराणा उदयसिंह का बाल भी बांका न होने दूंगा, यदि जैनवीर आशाशाह उदयसिंह के जीवन की रक्षा न करते और उनके बड़े होजाने पर बनवीर से युद्ध करके उनको राज्य न दिलवाते तो महाराणा प्रतापसिंह जैसे वीर कैसे उत्पन्न होते ?
महाराणा प्रताप और भामाशाह जैन जब मुरल फाज के बार बार आक्रमण करने से महाराणा प्रताप को भूख बच्चों समेत चार-पाँच बार भागना पड़ा और घास की रोटी पवाई, वह भी बिल्ली उठाकर लेगई तो महाराणा
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com