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नारी से नर पैहा हो, जिसने तीर्थंकरों 'चक्रवर्तियों' नारायणों आदि महापुरुषों को जन्म देकर संसार का उद्धार किया हो, जिनका धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र पुरुषों के समान प्रभावशाली रहा हो, जिन्होंने शिक्षा, दीक्षा, त्याग, वीरता विविध कला आदि गुणों के द्वारा देश का जीवन बहुत ही ऊँचा उठा दिया हो जो नारी शीलव्रत पालने के कारण दुनियावालों का माथा अपने चरणों में झुकवाती रही हो, जो नारी अपने उत्कृष्ट चारित्र्य द्वारा स्वर्ग के देवताओं को भी चकित करती रही हो, जो नारी समाज की भलाई के लिये अपना जीवन वलिदान करती रही हो ६, जो नारी अपने शील रूपी डण्डों से गुण्डों के दाँत खट्टे करती रही हो, जो नारी माता-पिता की इतनी आज्ञाकारिणी हो कि दरिद्री और कुष्ठ तक से विवाह जाने पर भी उफ न करे, जो नारी राजकुमारी होने पर भी दरिद्री और कुष्टी पति की सेवा करने वाली हो, जो नारी दस्तकारी में उच्चकोटि का स्थान रखती हो ' जो
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x. Dr. B. C. Law: Distinguished Men And Women in Jainism In Indian Culture. Vol. 2 & 3 २. (a) Prof. Tiribani Pd : जैन महिलाओं की धर्म सेवायें । (b) जैन सिद्धान्त भास्कर, वर्ष, ८ पृ० ६१ ।
३. 'सीताजी', जिन के चरित्र के लिये 'पद्म पुराण' देखिये ।
४. 'सती सुलोचना' जिनकी तफसील 'सुलोचना चरित्र' में देखिये ।
५. जैन धर्म वीरों का धर्म है' खण्ड ३ |
६. रावण की पटरानी मन्दोदरी, तफसील 'पद्म पुराण' में देखिये ।
७-८ मैना सुन्दरी, विस्तार के लिये श्रीपाल - चरित्र ।
2. Women have played an important part in the development of Cottage Industries - Indian Review Vol. 52. P. 333.
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