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एकादश अधिकरण जीव स्वरूपतः चैतन्य है, या नहीं ? इस संशय पर जीव की चैतन्य स्वरूपता का प्रतिपादन । प्रसङ्गतः माध्यमिक शाङ्करमत का निराकरण ।
द्वादश अधिकरण जीव, अणु है या विभु ? इस पर विभु पक्ष का निराकरण कर जीव के अणुत्व को सिद्धान्ततः स्वीकृति ।
___योदश अधिकरण जीव के कर्तृत्व का निर्णय
चतुर्दश अधिकरण जीव का कर्तृत्व स्वतंत्र है या ब्रह्माधीन है ? पूर्वपक्ष का निराकरण कर जीव के ब्रह्माधीन कर्तृत्व का निर्णय ।
पञ्चदश अधिकरण जीव भगवान का अंश है या नहीं ? पूर्वपक्ष निराकरण पूर्वक जीव की भगवदंशता का समर्थन ।
चतुर्थ अध्याय
प्रथम अधिकरण इन्द्रियवाची प्राण नित्य है या अनित्य ? अनित्य पक्ष निराकरण पूर्वक जीव की तरह प्राण को नित्यता का समर्थन ।
दितीय अधिकरण प्राण शब्द वाच्य इन्द्रियाँ सात हैं या ग्यारह ? सात पक्ष का निराकरण करके ग्यारह इन्द्रियों का निर्णय ।
तृतीय अधिकरण समस्त प्राण व्यापक हैं या अणु ? इस संशय पर व्यापकत्व का निरास करते हुए प्राणों के अणुत्व का समर्थन ।
चतुर्थ अधिकरण मुख्य प्राण नित्य है या अनित्य ? अनित्यता के पक्ष का निराकरण कर प्राण की नित्यता, अणुपरिमाणता और गतिमानता का निर्णय ।