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अन्यायी
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अपच
पूर्वक (क्रि० वि०) अन्याय से
अपकर्ता-सं० (वि०) 1 अपकार करनेवाला 2 शत्रुभाव अन्यायी-सं० (वि०) अन्याय करनेवाला
रखनेवाला अन्यार्थ-सं० (वि०) भिन्नार्थक
अपकर्म-सं० (पु०) 1 बुरा काम 2 ऋण परिशोध अन्यून-सं० (वि०)अनल्प, अधिक
अपकर्ष-सं० (पु०) 1 अवनति 2 उतार, ह्रास अन्योक्ति-सं० (स्त्री०) अलंकार जिसमें एक से कही हई बात अपकर्षण-सं० (पु०) 1 अपकर्ष 2 जबरदस्ती लेना, ऐंठना किसी दूसरे पर घटित हो
अपकलंक-सं० (पु०) न मिटनेवाला कलंक अन्योदर-सं० (पु०) दूसरी माता के उदर से उत्पन्न भाई अपकाजी-सं० (वि०) बुरा काम करनेवाला अन्योन्य-1 सं० (क्रि वि०) 1 परस्पर 2 एक दूसरे को या पर अपकार-सं० (पु०) 1 उपकार का उल्टा 2 बुराई 3 अहित II (वि०) पारस्परिक, आपस का III (पु०) अर्थालंकार का 4 अपमान 5 अत्याचार 6 नीच कर्म एक भेद जहाँ दो वस्तुएं परस्पर एक ही क्रिया करें; ~प्रजनन अपकारक-सं० (वि०) अपकार करनेवाला (पु०) पारस्परिक संसर्ग द्वारा उत्पन्न करना; विभाग अपकारिता-सं० (स्त्री०) अपकारी होना (पु०) बँटवारा करने की क्रिया; ~संहारक (वि०) एक , अपकारी-सं० (वि०) अपकार करनेवाला दूसरे को मारनेवाला
अपकाव्य-सं० (पु०) निकृष्ट काव्य अन्योन्याश्रय-I सं० (पु०) एक दूसरे पर अवलंबित होना | अपकीर्ति-सं० (स्त्री०) अपयश, बदनामी II (वि०) एक दूसरे पर आश्रित
अपकृत-I सं० (वि०) जिसका अपकार किया गया हो अन्योन्याश्रित--सं० (पु०) एक दूसरे पर अवलंबित | I (पु०) क्षति अन्वय-सं० (पु०) 1 अनुगमन 2 पारस्परिक संबंध 3 आशय अपकृति-सं० (स्त्री०) अपकार 4 हेतु और साध्य का साहचर्य 5 वाक्य में शब्दों का मेल; अपकृत्य-सं० (पु०) 1 हानि 2 अपकार
~व्यतिरेक (पु०) मेल और निरोध, नियम और अपवाद | अपकृष्ट-सं० (वि०) 1 हटाया हुआ 2 भ्रष्ट 3 नीच, अधम अन्वर्थ-सं० (वि०) 1 अर्थ के अनुसार 2 स्पष्ट अर्थवाला, अपकेंद्रक-सं० (वि०) केंद्र से दूर हटनेवाला मार्थक
अपक्रम-1 सं० (पु०) 1 पीछे हटना 2 भागना 3 उलटा क्रम अन्वादिष्ट-सं० (वि०) पहले नियम की ओर संकेतित II (वि०) क्रम रहित 2 व्यतिक्रम अन्वासन-सं० (पु०) 1सेवा 2 पीछे आसन ग्रहण करना | अपक्रमण-सं० (पु०) 1 अपक्रम करना 2 सभा का बहिष्कार 3 पश्चाताप 4 शिल्पग्रह
करना अन्वाहिक-सं० (वि०) दैनिक
अपक्रमी-सं० (वि०) 1 जानेवाला 2 तेज़ी से न जानेवाला अन्वित-सं० (वि०) 1 युक्त 2 ग्रस्त 3 समझा हआ अपक्रिया-सं० (स्त्री०) 1 हानि 2 अहित 3 द्रोह 4 दुष्कर्म अन्वितार्थ-सं० 1 अन्वय करने से प्राप्त अर्थ 2 गढ़ अर्थ अपक्रोश-सं० (पु०) 1 निंदा करना 2 बहुत अधिक चीखना II (वि०) ऐसा अर्थ रखनेवाला
अपक्व-सं० (वि०) 1न पका हुआ 2 न पकाया हुआ अन्विति-सं० (स्त्री०) 1 परस्पर संबद्धता- 2 मेल 3 एकभाव अपक्ष-सं० (वि०) 1 बिना पंख का 2 जिसके साथी समर्थक अन्विष्ट-सं० (वि०) 1 इच्छित 2 ढूँढा हुआ
न हों 3 निष्पक्ष। -पात (पु०) निष्पक्षता; पाती (वि०) अन्वीक्षण-सं० (पु०) 1 बारीकी से देखना 2 अन्वेषण 3 मनन । पक्षपात न करनेवाला 4 विचार
अपक्षय-सं० (पु०) 1 छीजना 2 नाश 3 कमी अन्वीक्षा-सं० (स्त्री०) विचारना
अपक्षरण-सं० (पु०) मिट्टी आदि का टूटकर हटना अन्वेषक-सं० (वि०) अन्वेषण करनेवाला, शोधकर्ता अपक्षेपण-सं० (पु०) 1 फेंकना 2 गिराना 3 पलटाना 4 किसी अन्वेषण-सं० (पु०) 1 खोज 2 ढूँढ़ना; ~कर्ता (वि०) वस्तु से टकराकर फेंका जाना खोज करनेवाला; कार्य (पु०) खोज का काम; ~ग्रंथ अपखंड-स० (३०) विखंड (पु०) खोज संबंधी पुस्तक
अपगत-सं० (वि.) 1 गया हआ 2 बीता हआ 3 तिरोहित अन्वेषणालय-सं० (पु०) अन्वेषण करने का स्थान अपगति-सं० (स्त्रा०) 1 अधोगति 2 दुर्गति 3 दुर्भाग्य अन्वेषित-सं० (वि०) जिसका अन्वेषण किया गया हो अपगम-सं० (पु०) 1 जाना 2 हट जाना 3 गायब हो जाना अन्वेषी-सं० (वि०) अन्वेषक, खोज करनेवाला
अपगमन-सं० (पु०) 1 प्रस्थान 2 अलग होना 3 मृत्यु अन्वेष्टव्य-सं० (वि०) अन्वेषक, खोज होने योग्य अपगा-सं० (स्त्री०) नदी । अपंग-सं० (वि०) 1अंगहीन 2 लँगड़ा-लूला 3 अशक्त अपगुण-सं० (पु०) दोष, ऐब अपंडित-सं० (वि०) 1 मूर्ख 2 अज्ञानी
अपघटन सं० (पु०) 1 ह्रास, कमी 2 वियोजन अप-सं० उप० 1 अलग या दूर; जैस अपक्षेप, अपगमन अपघन-I सं० (वि०) मेघरहित II (पु०) 1 शरीर 2 शरीर 2 अनुचित, निंदनीय (जैसे अपजात, अपव्यय) 3 नीचे या का अंग पीछे जैसे अपकर्ष, अपभ्रंश 4 रहित या हीन जैस अपकरुण, अपघर्ष-सं० (पु०) रगड़ अपभय
अपघर्षी-सं० (वि०) रगड़ के साथ होनेवाला अपक-सं० (पु०) पानी
अपघात-सं० (पु०) 1 रोकना 2 हिंसा, हत्या 3 दर्घटना से अपकरण-सं० (पु०) 1 दुर्व्यवहार 2 दुष्कर्म
मरना 4 धोखा अपकरुण-सं० (वि०) निर्दय, निष्ठुर
अपच-सं०(पु०)1 बदहज़मी2 जोअपने लिए पाक कार्य न करे