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षट् द्रव्य निरूपण .
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श्रात्मा की नित्यता को स्वीकार किया था। जो लोग विज्ञान को पुरस्कृत करके अात्मा के संबंध में विचार करते हैं उन्हें इन विज्ञान के प्राचार्यों की सम्मति का अध्ययन करना चाहिए। *
कभी-कभी जाति स्मरण की घटनाएँ प्रकाश में भाती हैं । यह घटनाएँ भी परलोक का अस्तित्व प्रमाणित करती हैं। देहली की शान्ति वाई नामक बालिका की घटना बहुत पुरानी नहीं हुई है। उसने अपने पूर्व जन्म का जो वृत्तान्त बतलाया था, जांच करने पर वह सत्य सिद्ध हुआ था। शिकोहबाद नामक नगर से वेश्या का एक लड़का था। उसे जाति स्मरण ज्ञान हुआ। उसने कहा-मैं ब्राह्मण हूँ, पाल के नाम मेरे भाई और मेरी स्त्री है। मेरी जमीन गिर्वी रक्खी थी। मैंने कलकत्ते में नौकरी कर के छुड़ाई थी। अन्त में उसके पूर्व जन्म के कुटुम्बी उसके पास आये और उसने उन सब को पहचान लिया । अनेक स्त्रियों के बीच में खड़ी हुई अपनी स्त्री को भी वह पहचान गया। यही नहीं बल्कि स्त्री के वक्षस्थल में एक फोड़ा था, उसका भी उसने जिक्र कर सुनाया।
इस प्रकार जाति स्मरण के पचासों प्रमाण उपलब्ध हैं। इन सब से श्रात्मा की नित्यता सिद्ध होती है । इसीलिए यहां अमूर्त होने के कारण आत्मा को नित्य कहा गया है।
अनेक मतावलम्बी ऐसे हैं जो आत्मा के अस्तित्व को तो स्वीकार करते हैं पर । कोई श्रात्मा को सर्वथा एक मानते हैं, कोई आकाश की भांति सर्वव्यापक मानते हैं, कोई अणु के बराबर मानते हैं, कोई सर्वथा नित्य मानते हैं, कोई क्षणिक मानते हैं। इन समस्त मतों पर पूर्ण रूप से विचार किया जाय तो अत्यन्त विस्तार हो जायगा, अतएव संक्षेप में ही इन पर विचार किया जाता है । वेदान्ती लोग कहते हैं
एक एक हि भूतात्मा, भूते भूते व्यवस्थितः ।
एकधा बहुधा चैव, दृश्यते जल चन्द्रवत् ।। अर्थात् एक ही श्रात्मा सब भूतों में विद्यमान है । वह एक होने पर भी जल में प्रतिविस्थित होने वाले चन्द्रमा के समान नाना.रूपों में दिखाई देता है। अर्थात् जैसे एक ही चन्द्रमा पञ्चीस-पचास-सौ जल से भरे हुए ग्लासों में अलग अलग नजर आता है उसी प्रकार प्रात्मा वास्तव में एक ही होने पर भी प्रत्येक शरीर में अलग-अलग प्रतीत होता है।
वेदान्तियों का यह कथन युक्ति-संगत नहीं है । जल से भरे हुए ग्लासों में जो चन्द्रमा दिखलाई देता है वह सब में एक-सा होता है । एक ग्लास से अगर
___ हेमरी सिजनिक ( पात्रात्य दर्शन के प्राचार्य ), प्रोफेसर कुक्स ( सभापति ) बाल फोर ( इंग्लेण्ड के भूतपूर्व प्रधान मंत्री), विलियम जेम्स (अमेरीका के प्रसिद्ध दार्शनिक ), बाल फोर स्टीवर्ट (मौलिक विज्ञान के प्राचार्य ), प्रोफेसर मेसर्स, लॉई रेले, सर ऑलिवर लॉज, मौलिक विज्ञान के प्राचार्य श्रादि कटोर परीक्षक और नास्तिक विज्ञानवेना इस परिपद में सम्मिलित थे।