________________
-
[ ४३२ ]
भाषा-स्वरूप वर्णन. कोई कहते हैं ' यह लोक देव द्वारा उत्पन्न हुआ है, और कोई कहते हैं यह ब्रह्म के द्वारा उत्पन्न हुआ है।
कोई यह मानते हैं कि जीव और अजीव से व्याप्त एवं सुख-दुःख से युक्त यह लोक ईश्वर के द्वारा किया हुआ है और दूसरे कहते हैं कि प्रधान (प्रकृति) आदि के द्वारा उत्पन्न हुआ है। __ स्वयंभू ने लोक का निर्माण किया है, ऐसा महर्षि (मनु) ने कहा है। मार ने माया का विस्तार किया, अतएव लोक अशाश्वत है, अनित्य है। __ कोई-कोई ब्राह्मण और श्रमण कहते हैं कि जगत् अंडे से उत्पन्न हुआ है । ब्रह्मा ने तत्त्वों की रचना की है। इस प्रकार यथार्थ वस्तु-स्वरूप को न जानने वाले मिथ्या भाषण करते हैं।
भाध्या-सूत्रकार ले मिथ्या भाषा का स्वरूप बतलाते हुए उदाहरण के रूप में सृष्टि की उत्पत्ति के संबंध में की गई अनेक मिथ्या कल्पनाओं का निर्देश किया है।
मूल में जो 'देवउत्त' शब्द है, उसकी व्याख्या अनेक प्रकार से की गई है। यथा-देवेन उतः देवोतः, देवैर्वा गुप्तो रक्षितः देवगुप्तः, देवपुत्रो वा । अर्थात् यह लोक एक देव के द्वारा रचा गया है, अथवा अनेक देवों द्वारा रचा गया है, अथवा देवों द्वारा रक्षित है अथवा देव का पुत्र है। . .
इसी प्रकार 'ब्रह्मोप्त' शब्द की व्याख्या समझनी चाहिए । ब्रह्मा को जगत् का कर्ता मानने वाले लोगों के मत के अनुसार, जगत् की प्रादि में अकेला ब्रह्मा ही था, उसने प्रजापतियों का निर्माण किया और प्रजापतियों ने क्रम से समस्त संसार की रचना की।
कई लोग ईश्वर को और कोई प्रधान (प्रकृति ) को जगत् का कारण चतलाते हैं। महर्षि (मनु) कहते हैं कि जगत् की आदि में अकेला स्वयंभू था । वह अकेला ही रमण करता था । उसे किसी दूसरे की अभिलापा हुई। उसने ज्यों ही ऐसा विचार किया कि दूसरी वस्तु-शक्ति उत्पन्न हो गई । उसके पश्चात् जगत् बन गया।
इस प्रकार जगत् बन गया, पर स्वयंभू ने सोचा कि इस तरह तो पृथ्वी पर वहत भार हो जायगा, इसका कुछ उपाय करना चाहिए। ऐसा लोचकर उसने मार अर्थात् यमराज बना दिया । उस यमराज ने माया का निर्माण कर दिया और माया से प्रजा मरने लगी। जीव का वास्तव में विनाश नहीं होता, किन्तु मरने का व्यवहार माया से होता है । इस प्रकार मायामय मृत्यु के कारण यह लोक अनित्य प्रतीत होता है।
पुराणों को प्रमाण मानने वाले ब्राह्मण और संन्यासी कहते हैं कि यह चराचर उप समस्त विश्व अंडे से उत्पन्न हुत्रा हैं । उनकी मान्यता यह है कि संसार में जब