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निर्ग्रन्थ प्रवचन पर सम्मतियां
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यह संग्रह अत्यन्त उपयोगी और कंठस्थ करने योग्य है । ( १६ )
श्रीयुत प्रोफेसर भावे, बड़ौदा कालेज, बड़ौदा |
यह पुस्तक जैन धर्म का अध्ययन करने वाले अथवा रूची रखने वाले महानुभावों के लिये उपयोगी सिद्ध होगी ।
( १७ )
श्रीमान् पं० जुगल किशोरजी मुख्तार, सरसावा ।
आगम-ग्रन्थों पर से अच्छे उपयोगी पद्यों को चुन कर ऐसे संग्रहों के तैयार करने की निःसन्देह जरूरत है इस के लिये मुनि श्री चौथमलजी का यह उद्योग और परिश्रम प्रशंसनीय है ।
( १८ )
श्रीमान् पं० प्यारकिशनजी साहेब कोल भूतपूर्व दीवान सैलाना स्टेट एवं भूतपूर्व एडवाईकर, झ बुवा स्टेट | वर्तमान् ( Member Council ) उदयपुर (मेवाड़) इस पुस्तक के भारी प्रचार से अवश्य ही उत्तम परिणाम निकलेगा और इसका प्रचार खूब हो ऐसी मेरी भावना है ।
( १६ )
श्रीमान् अमृतलालजी सवचंदजी गोपाणी एम० ए० बड़ौदा कालेज, बड़ौदा |
अपने समाज की कतिपय पुस्तकों की अपेक्षा यह पुस्तक बिलकुल उत्तम है इस में शक नहीं ।
( २० )
श्रीमान् प्रो० घासीरामजी जैन M. Sc. F. P. S. ( London ) विक्टोरिया कालेज, ग्वालियर |
इस पुस्तक के अविरल स्वध्याय से मुमुक्षु की आत्मा को सच्ची शांति प्राप्त होगी ।