Book Title: Nirgrantha Pravachan
Author(s): Shobhachad Bharilla
Publisher: Jainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam

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Page 773
________________ निर्ग्रन्थ प्रवचन पर सम्मतियां [७११ ] . .श्रीमान् प्रो० के० एन० अभयंकर एम० ए० गुजरात कालेज, अहमदाबाद । विश्वविद्यालयों में विद्वानों और विद्यार्थियों के हाथों में रक्खी जाने योग्य है । विश्वविद्यालय के पाटय ग्रन्थों में चुनाव के समय में इस ग्रन्थ के लिये अपनी और से सिफारिश करूंगा।" (११) श्रीमान् अत्तरसेनजी जैन सम्पादक "देशभक्त " मेरठ । यह पुस्तक प्रत्येक जैन घराने में पढ़ी जाने योग्य है । (१२) श्रीमान् प्रोफेसर हीरालालजी रसिकदासजी कापड़िया __एम० ए० बम्बई। आई सर्वोपयोगी पुस्तक छपाववा बद्दल संग्राहक अने प्रकाशक ने अभिनन्दन घटे छ। (१३) श्रीमान् पं० लालचन्दजी भगवानदासजी गांधी गायकवाड़ लायब्रेरी, बड़ोदा। प्रसिद्धवक्ता मुनि श्री चौथमलजी महाराज का यह प्रयत्न प्रशंसनीय है। (१४) श्रीमान् नन्दलालजी केदारनाथजी दिक्षित बी० ए० एम० सी० पी० भूतपूर्व विद्याधिकारी, बड़ौदा । निग्रंथप्रवचन के पठन-पाठन से जनता भारी लाभ उठा सकती है। एसा सुन्दर ग्रन्थ प्रकाशित कर के आपने जैन और जैनेतर मनुष्यों पर भारी उपकार किया है। (१५) श्रीयुत गोविन्दलाल भट्ट एम० एस० सी० प्रोफेसर संस्कृत, . बड़ौदा कालेज बड़ौदा।

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