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जैन साहित्य का बृहद् इतिहास
अन्तिम द्वार है और प्रत्याख्यान आवश्यक सूत्र का अन्तिम अध्ययन है अतः इस द्वार की नियुक्ति के साथ आवश्यकनियुक्ति समाप्त होती है ।
आवश्यक नियुक्ति के इस विस्तृत परिचय से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जैन नियुक्तिग्रंथों में आवश्यकनियुक्ति का कितना महत्त्व है । श्रमण - जीवन की सफल साधना के लिए अनिवार्य सभी प्रकार के विधि-विधानों का संक्षिप्त एवं सुव्यवस्थित निरूपण आवश्यक नियुक्ति की एक बहुत बड़ी विशेषता है । जैन परम्परा से सम्बन्ध रखनेवाले अनेक प्राचीन ऐतिहासिक तथ्यों का प्रतिपादन भी सर्वप्रथम इसी नियुक्ति में किया गया है । ये सब बातें आवश्यक नियुक्ति के अध्ययन से स्पष्ट मालूम होती हैं ।
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