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भगवती सूत्र - श. १८ उ. ७ देवों के कर्मक्षय का काल
२९ उत्तर - हाँ, गौतम ! ऐमे देव हैं ।
३० प्रश्न- कयरे णं भंते! ते देवा जे अनंते कम्मंसे जहणेणं एक्केण वा जाव पंचहिं वाससरहिं खयंति ? कयरे णं भंते! ते देवा जाव पंचहिं वामहस्सेहिं खवयंति ? कयरे णं भंते ! ते देवा जाव पंचहिं वासस्य महस्सेहिं खवयंति ?
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३० उत्तर - गोयमा ! वाणमंतरा देवा अनंते कम्मंसे एगेणं वास सरणं खवयंति, असुरिंदधज्जिया भवणवासी देवा अणते कम्मं से दोहिं वासमपहिं खयंति, अरकुमाराणं देवा अनंते कम्मंसे तीहिं वाससाहिं खयंति, गहणक्खत्त-तारारूवा जोइसिया देवा अनंते कम्मंसे चउहिं वास० जाव खवयंति, चंदिम सूरिया जोइसिंदा जोइसरायाणो अनंते कम्मंसे पंचहिं वाससहिं खवयंति ।
भावार्थ - ३० प्रश्न - हे भगवन् ! ऐसे कौन-से देव हैं जो अनन्त कर्माशों को जघन्य एक सौ वर्ष यावत् पाँच सौ वर्षों में खपाते हैं ? हे भगवन् ! ऐसे कौन-से देव हैं, जो यावत् पाँच हजार वर्षों में खपाते हैं ? हे भगवन् ! ऐसे कौन-से देव हैं, जो यावत् पाँच लाख वर्षों में क्षय करते हैं ?
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३० उत्तर - हे गौतम! वाणव्यन्तर देव अनन्त कर्माशों को एक सौ वर्षों में क्षय करते हैं, असुरेन्द्र को छोड़ कर शेष भवनपति देव दो सौ वर्षों में, असुरकुमार देव तीन सौ वर्षों में, ग्रह, नक्षत्र और तारा रूप ज्योतिषी देव चार सौ वर्षों में, ज्योतिषी इन्द्र, ज्योतिषीराज चन्द्र ओर सूर्य पाँच सौ वर्षों में, खपाते हैं ।
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