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भगवती सूत्र-श २० उ. ५ परमाणु और स्कन्ध के वर्णादि
ये सोलह भंग हुए । इस प्रकार सब मिला कर ३२ भंग होते हैं। अथवा सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व स्निग्ध, एक देश शीत और एक देश उष्ण के सोलह भंग। अथवा सर्व कर्कश, सर्व गुरु, सर्व रूक्ष, एक देश शीत और एक देश उष्ण के सोलह भंग । ये सब मिला कर बत्तीस भंग होते हैं। अथवा कदाचित् सर्व कर्कश, सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, एक देश गुरु और एक देश लघु के पूर्ववत् ३२ भंग । अथवा कदाचित् सर्व गुरु, सर्व शीत, सर्व स्निग्ध, एक देश मृदु के भी पूर्ववत् ३२ भंग । इस प्रकार सब मिला कर पांच स्पर्श के १२८ भंग होते हैं।
जइ छफासे सव्वे कक्खडे सब्वे गरुए देसे सीए देसे उसिणे देसे णिद्धे देसे लुक्खे १, सव्वे कक्खडे सव्वे गरुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसा लुक्खा २, एवं जाव सब्वे कक्खडे सव्वे गरुए देसा सीया देसा उसिणा देसा गिद्धा देसा लुक्खा १६, एए सोलस भंगा। सव्वे कक्खडे सव्वे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुपखे, एत्थ वि सोलस भंगा। सव्वे मउए सव्वे गरुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे, एत्थ वि सोलस भंगा। सव्वे मउए सब्वे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे, एत्थ वि सोलस भंगा, एए चउसद्धिं भंगा । सव्वे कक्खडे सव्वे सीए देसे गरुए देसे लहुए देसे गिद्धे देसे लुक्खे, एवं जाव सब्वे मउए सब्बे उसिणे देसो गरुया देसा लहुया देसा णिद्वा देसा लुक्खा, एए वि व उसद्धिं भंगा । सव्वे कक्खडे सव्वे गिद्धे देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे १,
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