________________
श्री भगवती सूत्र के
MARRRRRE
प्रथम भाग मेंशतक १-२ पृ. १ से ५३२ तक ।
द्वितीय भाग मेंशतक ३-४-५-६ पृ. ५३३ से १०७६ तक ।
. तृतीय भाग मेंशतक ७-८ पृ. १०७७ से १५७० तक।
चतुर्थ भाग मेंशतक ९-१०-११-१२ पृ. १५७१ से २१३४ तक ।
पंचम भाग मेंशतक १३-१४-१५-१६-१७ पृ. २१३५ से २६४६ तक ।
षष्ठ भाग मेंशतक १८ से २४ पृ. २६४७ से ३१९४ तक ।
-
+
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org