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भगवती सूत्र-श. २१ वर्ग ४ उ. १-१० वांस आदि के मल की उत्पत्ति
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कठिन शब्दार्थ-अय सि-अलमी ।
भावार्थ-१ प्रश्न-हे भगवन् ! अलसी, कुसुम्ब, कोद्रव, कांग, राल, तूअर, कोदूसा, सण और सर्षप (सरसों) तया मूलक बोज, इन वनस्पति के मूल में जो जीव उत्पन्न होते हैं, वे कहाँ से आ कर उत्पन्न होते हैं ?
१ उत्तर-हे गौतम ! यहां भी शालि उद्देशक के समान मूलादिक दस उद्देशक कहने चाहिये।
॥ इक्कीसवें शतक का तीसरा वर्ग सम्पूर्ण ।
शतक २१ वर्ग ४ उद्देशक १-१०
बाँस आदि के मूल की उत्पत्ति
१ प्रश्न-अह भंते ! वंस-वेणु कणक ककावंस-चारवंस दंडा-कुडाविमा-चंडा-वेणुया-कल्लाणीणं एएसि गं जे जीवा मूलत्ताए वकमंति?
१ उत्तर-एवं पत्थ वि मूलादीया दस उद्देसगा जहेव सालीणं, णवरं देवो सव्वत्थ वि ण उववजइ, तिणि लेसाओ, सव्वत्थ वि, छब्बीसं भंगा, सेसं तं चेव ।।
॥ एगवीसहमे सए चउत्थो वग्गो समत्तो॥
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