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भगवती सूत्र-श. २४ उ २४ वैमानिक देवों का उपपात
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और उत्कृष्ट एक गाऊ और अन्तिम तीम गमक में जघन्य और उत्कृष्ट तीन गाऊ होती है । शेष पूर्ववत् ।
. ११ प्रश्न-जइ संखेजवासाउयसण्णिमणुस्से हितो. ?
११ उत्तर-एवं संखेजवामाउयसण्णिमणुस्साणं जहव असुरकुमारेसु उववज्जमाणाणं तहेव णव गमगा भाणियव्वा । णवरं सोहम्मदेवट्टिई संवेहं च जाणेजा, सेसं तं चेव ९ ।
___ भावार्थ-११ प्रश्न-यदि वह सौधर्म देव, संख्यात वर्ष के आयु वाले संज्ञो मनुष्य से आ कर उत्पन्न होता है ? .
११ उत्तर-असुरकुमार में उत्पन्न होने वाले संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य के समान नौ गमक जानना चाहिये। विशेष यह है कि यहां सौधर्म देव की स्थिति और संवेध उससे भिन्न है, शेष पूर्ववत् । १ से ९। .
१२ प्रश्न-ईसाणदेवा णं भंते ! कओहिंतो उववज्जति ?
१२ उत्तर-ईसाणदेवाणं एस चेव सोहम्मगदेवसरिसा वत्तब्धया । णवरं असंखेनवासाउयसण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणियस्स जेसु ठाणेसु सोहम्मे उववजमाणस्स पलिओवमठिई तेसु ठाणेसु इह साइरेगं पलिओवमं कायव्वं । चउत्थगमे ओगाहणा-जहण्णेणं धणुपहत्तं, उकोसेणं साइरेगाइं दो गाउयाई, सेसं तहेव ९ ।
भावार्थ-१२ प्रश्न-हे भगवन् ! ईशान देव कहाँ से आकर उत्पन्न होते हैं ?
१२ उत्तर-हे गौतम ! ईशान देव की वक्तब्धता, सौधर्म देव के समान है। जिन स्थानों में असंख्यात वर्ष के आयु वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तियंच की स्थिति
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