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भगवती सूत्र - श. २० उ ५ परमाणु और स्कन्ध के वर्णादि
हैं । (२) कदाचित् सर्व मृदु, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष होता है । इस प्रकार मृदु साथ भी ६४ भंग होते हैं । ( ३ ) कदाचित् सर्व गुरु एक देश कर्कश, एक देश मृदु, एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष इस प्रकार 'गुरु' के साथ भी ६४ भंग होते हैं । ( ४ ) कदाचित् सर्व लघु, एक देश कर्कश, एक देश मृदु. एक देश शीत, एक देश उष्ण, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष, इस प्रकार लघु के साथ भी ६४ भंग होते हैं । (५) कदाचित् सर्व शीत, एक देश कर्कश, एक देश मृदु, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष, इस प्रकार शीत के साथ भी ६४ भंग कहने चाहिये । ( ६ ) कदाचित् सर्व उष्ण, एक देश कर्कश, एक देश मृदु. एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश स्निग्ध और एक देश रूक्ष, इस प्रकार उष्ण के साथ भी ६४ भंग कहने चाहिये । ( ७ ) कदाचित् सर्व स्निग्ध, एक देश कर्कश, एक देश मृदु, एक देश गुरु, एक देश लघु, एक देश शीत और एक देश उष्ण होता है । इस प्रकार स्निग्ध के साथ भी ६४ भंग होते हैं । ( ८ ) कदाचित् सर्व रूक्ष, एक देश कर्कश, एक देश मृदु. एक देश गुरु एक देश लघु, एक देश शीत और एक देश उष्ण, इस प्रकार रूक्ष के साथ भी ६४ भंग यावत् सर्व रूक्ष, अनेक देश कर्कश, अनेक देश मृदु, अनेक देश गुरु, अनेक देश लघु, अनेक देश शीत और अनेक देश उष्ण होता है । इस प्रकार ये सब मिला कर सात स्पर्श के ५१२ भंग होते हैं ।
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जइ अट्ठफासे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देउसि देसे णिद्धे देसे लुक्खे ४, देसे कक्खडे देसे मउए देसे गरुए देसे लहुए देसे सीए देना उसिणा देसे णिद्धे देने लुक्खे ४, देने कक्खडे देने मउए देसे गरुए देसे लहु देशा सीया देमे उसिने
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