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भगवती सूत्र-श. २० उ. ८ तीर्य और तीर्थंकर
मतित्थगरस्स केवइयं कालं तित्थे अणुमजिस्सइ ?
१२ उत्तर-गोयमा ! जावइए णं उसमस्स अरहओ कोसलियस्स जिणपरियाए एवइयाइं संखेन्जाइं आगमेस्साणं चरिमतित्थगरस्स तित्थे अणुसज्जिस्सइ ।
भावार्थ-११ प्रश्न-हे भगवन् ! इस जम्बूद्वीप के. भरत-क्षेत्र में इस अवसर्पिणी काल में आप देवानुप्रिय का तीर्थ कितने काल तक रहेगा ?
११ उत्तर-हे गौतम ! जम्बूद्वीप के इस भरत-क्षेत्र में इस अवसर्पिणी काल में मेरा तीर्थ इक्कीस हजार वर्ष तक रहेगा।
- १२ प्रश्न-हे भगवन् ! जिस प्रकार इस जम्बूद्वीप के भरत-क्षेत्र में इस अवसर्पिणी काल में आप देवानुप्रिय का तीर्थ इक्कीस हजार वर्ष तक रहेगा, उसी प्रकार हे भगवन् ! इस जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में भावी तीर्थंकरों में से अन्तिम तीर्थंकर का तीर्थ कितने काल तक रहेगा ? ,
१२ उत्तर-हे गौतम ! कौशल देशोत्पन्न ऋषभ देव अरिहन्त का जितना जिनपर्याय है, उतना (एक हजार वर्ष कम एक लाख पूर्व) वर्ष तक भावी तीथंकरों में से अन्तिम तीर्थंकर का तीर्थ रहेगा।
विवेचन-श्रमण भगवान महावीर स्वामी का तीर्थ इक्कीस हजार वर्ष तक चलेगा और तश्चानुपूर्वी के क्रम में पार्श्वनाथ स्वामी आदि तीर्थंकरों का तोर्थ संख्यात काल तक रहा था और ऋषभदेव आदि का तीर्थ असंख्यात काल तक रहा था।
तीर्थ और तीर्थंकर
१३ प्रश्न-तित्थं भंते ! तित्थं, तित्थगरे तित्थं ? १३ उत्तर-गोयमा ! अरहा ताव णियमं तित्थगरे, तित्थं पुण
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