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भगवती सूत्र-श. २० उ. ५ परमाणु और स्कन्ध के वर्णादि
भंग । कदाचित् एक अंश काला और एक अंश श्वेत, पूर्ववत् चार भंग । कदाचित् एक अंश नीला और एक अंश लाल आदि पूर्ववत् चार भंग । कदाचित् नीला और पीला के पूर्ववत् चार भंग। कदाचित् नीला और श्वेत के चार भंग । कदाचित् लाल और पीला के चार भंग । कदाचित् लाल और श्वेत के चार भंग । कदाचित् पोला और श्वेत के चार भंग । इस प्रकार इन दस द्विकसंयोग के ४० भंग होते हैं।
जइ तिवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य १, सिय कालए णीलए लोहियगा य २, सिय कालए य णीलगा य लोहियए य ३, सिय कालगा य णीलए य लोहियए य एए भंगा ४ । एवं कालणीलहालिदएहिं भंगा ४, कालणीलसुकिल्ल० ४, काललोहियहालिद्द० ४, काललोहियसुकिल्ल० ४, कालहालिदसुकिल्ल० ४ । णीललोहियहालिदगाणं ४ भंगा, णीललोहियसुकिल्ल० ४, णील. हालिहसुस्किल्ल० ४, लोहियहालिहसुकिल्लगाणं ४ भंगा । एवं एए दसतियासंजोगा, एस्केक्के संजोए चत्तारि भंगा, सव्वे ते चत्ता. लीसं भंगा ४० । जइ चउवण्णे सिय कालए णीलए लोहियए हालिइए य १, सिय कालए णीलए लोहियए सुकिल्लए २, सिय कालए णीलए हालिहए सुकिल्लए ३, सिय कालए लोहियए हालिइए सुफिल्लए ४, सिय णीलए लोहियए हालिइए सुफिल्लए य५। एषमते चउक्कगसंजोए पंच भंगा । एए सव्वे णउड़ भंगा।
___भावार्थ-यदि वह तीन वर्ण वाला होता है तो (१) कदाचित् काला, नीला और लाल होता है । अथवा एक देश काला, एक देश नीला और अनेक
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