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भगवनी सूत्रश २० उ. ५ परमाणु और स्कन्ध के वर्णादि
और पंच संयोगी ६, सब मिल कर वर्ण सम्बन्धी १८६ भंग होते हैं। गन्ध सम्बन्धी छह मंग पञ्चप्रदेशी स्कन्ध के समान होते हैं । वर्ण के समान रस के १८६ भंग होते हैं । स्पर्श के भंग चतुष्प्रदेशी स्कन्ध के समान जान लेना चाहिये।
विवेचन-छह प्रदेशी स्कन्ध के विषय में वर्ण के १८६, गन्ध के ६, रस के १८६ और स्पर्श के ३६, ये कुल मिलाकर ४१४ भंग होते हैं ।
७ प्रश्न-सत्तपएसिए णं भंते ! खंधे कइवण्णे० ?
७ उत्तर-जहा पंचपएसिए जाव 'सिय चउफासे' पण्णत्ते । जइ एगवण्णे० एवं एगवण्णदुवण्णतिवण्णा जहा छप्पएसियस्स । जइ चउवण्णे सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिद्दए य १, सिय कालए य णीलए य लोहियए य हालिदगा य २, सिय कालए य णीलए य लोहियगा य हालिद्दए य ३, एवमेए चउक्गसंजोगेणं पण्णरस भंगा भाणियव्वा जाव 'सिय कालगा य णीलगा य लोहियगा हालिद्दए य १५ । एवमेए पंचचउकसंजोगा णेयब्वा, एक्कक्के संजोए पण्णरस भंगा, सव्वमेए पंचसत्तरि भंगा भवइ । ... भावार्थ-७ प्रश्न-हे भगवन् ! सात प्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण का होता है, इत्यादि प्रश्न ? . ..
७ उत्तर-हे गौतम ! पंच प्रदेशिक स्कन्ध समान यावत् 'कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है'-तक । जब वह एकादि वर्ण वाला होता है, तो एक वर्ण, दो वर्ण और तीन वर्ण के भंग छह प्रदेशी स्कन्ध के समान जानना चाहिये। जब वह चार वर्ण वाला होता है तो कदाचित् एक देश काला, नीला, लाल और पीला होता है । कदाचित् एक देश काला, एक देश नीला, एक देश लाल
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