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भगवती सूत्र-श. २० उ. ५ परमाणु और स्कन्ध के वर्णादि
प्रदेश दो गन्ध वाले होते हैं, तब द्विकसंयोगी एक भंग होता है । रस में जब दोनों प्रदेश एक रस वाले हों, तब असंयोगी ५ भंग होते हैं और जब भिन्न-भिन्न दो रस वाले हों, तव दस भंग होते हैं । स्पर्श के द्विकसंयोगी ४ भंग और त्रिकसंयोगी ४ मंग तथा चतु:संयोगी एक भंग होता है । इस प्रकार वर्ण के १५, गन्ध के ३, रस के १५ और स्पर्श के ९, ये कुल मिला कर ४२ भंग होते हैं ।
३ प्रश्न-तिपएसिए णं भंते ! खंधे कड़वण्णे० ? .
३ उत्तर-जहा अट्ठारसमसए छठुद्देसे जाव चउफासे पण्णत्ते । जइ एगवण्णे सिय कालए जाव सुकिल्लए ५ । जइ दुवण्णे सिय कालए य सिय णीलए य १, सिय कालए य सिय णीलगा य २, सिय कालगा य णीलए य ३, सिय कालए य लोहियए य १, सिय कालए य लोहियगा य २, सिय कालगा य लोहियए य ३, एवं हालिदएण वि समं भंगा ३, एवं सुकिल्लएण वि समं ३, सिय णीलए य लोहियए य एत्थ वि भंगा ३, एवं हालिद्दएण वि समं भंगा ३, एवं सुक्किल्लएण वि समं भंगा ३, सिय लोहियए य हालिदए य भंगा ३, एवं सुकिल्लएण वि समं भंगा ३, सिय हालिद्दए य सुक्किल्लए य भंगा ३, एवं सब्वे ते दस दुयासंजोगा भंगा तीसं भवति ।
भावार्थ-३ प्रश्न-हे भगवन् ! त्रिप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण वाला होता है, इत्यादि प्रश्न ?
३ उत्तर-हे गौतम ! अठारहवें शतक के छठे उद्देशक के अनुसार यावत् 'कदाचित् चार स्पर्श वाला होता है'-तक जानना चाहिए । (५) यदि
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