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- भगवती मूत्र-श. १५ उ. ४ नेरयिक के महाववादि चतुष्क
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११ उत्तर-णो इणटे समटे ।
१२ प्रश्न-सिय भंते ! गेरइया अप्पासवा महाकिरिया अप्पवेयणा अप्पणिज्जरा ?
१२ उत्तर-णो इणढे समढे।
भावार्थ-९ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीव अल्पाश्रव, महाक्रिया, महावेदना और महानिर्जरा वाले हैं ?
९ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है।
१० प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीव अल्पास्रव, महाक्रिया, महावेदना और अल्पनिर्जरा वाले हैं ?
१० उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है ?
११ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीव अल्पास्रव, महाक्रिया, अल्पवेदना महानिर्जरा वाले हैं ?
११ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है।
१२ प्रश्न-हे भगवन् ! नैरयिक जीव अल्पास्त्रव, महाक्रिया, अल्पवेदना भौर अल्पनिर्जरा वाले हैं ?
१२ उत्तर-हे गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है।
२३ प्रश्न-सिय भंते ! णेरइया अप्पासवा अप्पकिरिया महा. वेयणा महाणिजरा ?
२३ उत्तर-णो इण? समटे ।
१४ प्रश्न-सिय भंते ! णेरइया अप्पासवा अप्पकिरिया महा. वेयणा अप्पणिजरा ?
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