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भगवती सूत्र-ग. १९ उ. ८ जीव-निनि आदि
८ उत्तर-हे गौतम ! वे सर्व रत्नमय और स्वच्छ है । शेष सब पूर्ववत् यावत् अनुत्तर विमानों तक कहना चाहिये। विशेष यह है कि जहां जितने भवन या विमान हों उतने कहना चाहिये ।
. 'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है । हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है'-कह कर गौतम स्वामी यावत् विचरते हैं।
॥ उन्नीसवें शतक का सातवां उद्देशक सम्पूर्ण ॥
शतक १६ उद्देशक ८
महार
जीव-निवृति आदि
१ प्रश्न-कइविहा णं भंते ! जीवणिवत्ती पण्णत्ता ? .
१ उत्तर-गोयमा ! पंचविहा जीवणिवत्ती पण्णत्ता, तं जहाएगिंदियजीवणिवत्ती जाव पंचिंदियजीवणिवत्ती।
२ प्रश्न-एगिंदियजीवणिवत्ती णं भंते ! कइविहा पण्णता ?
२ उत्तर-गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा-पुढविकाइयपगिदियजीवणिवत्ती जाव वणस्सइकाइयएगिंदियजीवणिवत्ती ।
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